इंदिरा हृदयेश की दो टूक, बोलीं- हरीश रावत का 2017 में सीएम चेहरा पार्टी को पड़ा महंगा

देहरादून: उत्‍तराखंड कांग्रेस में आने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने को लेकर बवाल मचा हुआ है. यही नहीं, उत्‍तराखंड कांग्रेस के दिग्‍गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत तीन दिन में चार बार चुनाव में मुख्‍यमंत्री का चेहरा आगे करने का बयान दे चुके हैं. यही नहीं, कांग्रेस के एक अन्‍य नेता हरदा का भी कहना है कि पार्टी मुख्यमंत्री का चेहरा तय करे. इसी पर अब नेता विपक्ष इंदिरा ह्रदयेश का दो टूक जवाब आया है. उन्‍होंने कहा कि 2017 में क्या हुआ, इसलिए चेहरे का रिस्क नहीं ले सकते.

नेता विपक्ष इंदिरा ह्रदयेश ने साफ कहा कि 2017 में हरीश रावत को चेहरा बनाकर पार्टी 11 विधायकों पर सिमट गई थी, इसलिए चेहरे पर रिस्क नहीं ले सकते. साथ ही कहा कि उत्तराखंड में अब तक विधानसभा के चार चुनाव हुए और 2017 को छोड़ किसी चुनाव में कोई चेहरा नहीं था. वहीं मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये तय कांग्रेस हाईकमान ने किया.

इस मामले पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए नेताओं का भी कहना है कि जो हाल हुआ वो हरदा की वजह से हुआ. अब 70 साल में नाव में छेद कर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि कांग्रेस की नाव में पहले ही बहुत छेद थे और अब हरीश रावत और छेद कर रहे हैं. वहीं, जानकार भी मानते हैं कि हरीश रावत की सरकार को जनता 2017 में नकार चुकी है, ऐसे में अगले विधानसभा चुनाव में चेहरा बनाने का रिस्क कांग्रेस लेना नहीं चाहती. इसी बात ने हरीश रावत और उनके समर्थकों को परेशान कर रखा है. जबकि चेहरा घोषित करने के नाम पर सब अपनी राजनीति बचाने का संघर्ष रहे हैं. उत्तराखंड कांग्रेस में फिलहाल 3 बड़े चेहरे हैं, हरीश, इंदिरा और प्रीतम. प्रीतम और इंदिरा प्रभारी के साथ पहले ही ये बात कह चुके हैं कि चुनाव पार्टी लड़ेगी. पार्टी जीतेगी और फिर मुख्यमंत्री बनेगा. ऐसे में सवाल है कि हरीश रावत को आखिर चेहरे की चिंता क्यों है? अब कांग्रेस के भीतर इन तीनों सियासी धुरंधरोंं को एक साथ लाकर विधानसभा चुनाव लड़ने की चुनौती होगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *