उत्तराखण्डः भारत-नेपाल के बीच यात्रा करने पर अनिवार्य होगा पास

पिथौरागढ़: उत्तराखंड में बॉर्डर तहसील धारचूला में भारत और नेपाल के बीच सबसे अधिक आवाजाही है लेकिन बीते साल लॉकडाउन के बाद से ही दोनों मुल्कों को जोड़ने वाले इंटरनेशनल झूला पुल बंद हैं. कई बार खास मौकों पर दोनों मुल्कों की सहमति से इंटरनेशनल पुलों को खोला भी गया है लेकिन इस दौरान भारी संख्या में लोग एक-दूसरे के मुल्कों को आने-जाने लगे. अब इसे नियंत्रित किया जा रहा है और अब दोनों मुल्कों के बीच वही आ-जा सकेगा जिसके पास पहले से ली गई अनुमति होगी.

स्थानीय प्रशासन जारी करेगा पास
भारत और नेपाल के स्थानीय प्रशासन ने तय किया है कि अब दोनों मुल्कों में आवाजाही उसी की हो पाएगी, जिसे पास जारी किया गया हो. पास जारी करने का अधिकार धारचूला तहसील प्रशासन को होगा जबकि नेपाल की ओर से भी स्थानीय प्रशासन ही पास जारी करेगा. यही नहीं जिस दिन का पास जारी किया गया होगा, उसी दिन उसे जाने की परमिशन दी जाएगी.

एसडीएम धारचूला अनिल कुमार पांडे ने बताया कि बीते दिनों देखा गया कि पुल खुलने के दौरान भारी संख्या में लोग एक-दूसरे के मुल्क गए. इसकी वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा भी पैदा हो गया था. अब तय किया गया है कि एक दिन अधिकतम सौ लोगों को पास जारी किए जाएंगे. दोनों मुल्कों के बीच आवाजाही का समय भी तय किया गया है.

कोरोना टेस्ट भी अनिवार्य
नए नियमों के मुताबिक अब सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही भारत-नेपाल के बीच आवाजाही हो पाएगी. यही नहीं सभी आने-जाने वालों का एंटीजन टेस्ट भी किया जाएगा. जिसका भी टेस्ट पॉजिटिव आएगा उसे इजाज़त नहीं मिलेगी. उत्तराखंड के बॉर्डर इलाकों में भारत-नेपाल के बीच रोटी-बेटी जैसे रिश्ते हैं लेकिन कोरोना काल दोनों मुल्कों के बीच आवाजाही सीमित रही है. इसकी वजह से बॉर्डर पर रहने वालों को खासी दिक्कतें भी उठानी पड़ रही हैं.

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