एमपीः अक्सर विवादों में रहने वाली भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने फिर किया बखेड़ा खड़ा

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है. उन्होंने एक शख्स को रावण कहकर उसका बुढ़ापा और अगला जन्म खराब होने का श्राप दे दिया. उनके इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस सांसद ठाकुर पर चेहरे पे कई चेहरे लगाने का आरोप लगाया. विपक्ष के नेताओं ने कहा कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर कभी व्हीलचेयर पर दिखती हैं, कभी गरबा करती हैं, कभी कबड्डी खेलती हैं. अगर किसी ने इसका वीडियो बना लिया तो श्राप देने की क्या जरूरत है.

गौरतलब है कि सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का कबड्डी खेलते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये वीडियो कुछ दिनों पहले का है. उस वक्त ठाकुर ने भोपाल के काली मंदिर परिसर में कुछ खिलाड़ियों के साथ कबड्डी खेली थी. इसी दौरान किसी ने उनका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. वीडियो देखने के बाद सांसद का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. भोपाल की सांसद ने संत नगर में आयोजित दशहरे के कार्यक्रम में अपनी भड़ास निकाली. यह कार्यक्रम सिंधी समाज द्वारा आयोजित किया गया था. ठाकुर ने कहा- ‘मैं दो दिन पहले एक दुर्गा पंडाल में आरती करने गई थी. जब मैदान पर खेल रहे कुछ खिलाड़ियों ने मुझसे कबड्डी खेलने का अनुरोध किया, तो मैं खुद को रोक नहीं पाई. खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए मैं मैदान में चली गई. इसी दौरान किसी ने वीडियो बना लिया. वीडियो बनाने वाला कोई रावण ही होगा, जिसका बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाएगा. मैं किसी का दुश्मन नहीं हूं, लेकिन कोई मुझे दुश्मन मानता है तो इसमें मैं क्या कर सकती हूं. अगर इस बीच कोई मुझसे वहां पर नाराज था तो वह रावण ही था. मुझे नहीं पता कि मैंने उससे क्या कीमती वस्तु छीन ली है. रावण कहीं भी हो सकता है.’

प्रज्ञा के इस बयान पर पूर्व मंत्री और दक्षिण पश्चिम विधायक पीसी शर्मा ने कहा कि सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मां नर्मदा और उनके भक्तों पर अनर्गल टिप्पणी की है. उन्होंने नर्मदा परिक्रमा करने वालों को पापी कहा है. ये वही सांसद हैं जो कोरोना काल में उस वक्त गायब हो गईं जब जनता को जरूरत थी. सांसद आतंकवाद की आरोपी हैं और मेडिकल के आधार पर जमानत पर हैं, फिर भी कबड्डी, ओर गरबा खेल रही हैं. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस पर संज्ञान लेते हुए उनकी जमानत रद्द करना चाहिए.

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