छत्तीसगढ़: गोधन न्याय योजना पर जारी सियासी घमासान कहां जाकर थमेगा?

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना के बहुद्देशीय परिणाम ने संसद की स्थायी कृषि समिति को बेहद प्रभावित किया है. संसद की स्थायी समिति ने योजना की तारीफ की, जिस पर अब सूबे में सियासत शुरू हो गई है. मुख्य विपक्षीय दल बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर बंद कमरे में समिति को गुमराह करने का आरोप लगाया है. छत्तीसगढ़ की सरकार की गोधन न्याय योजना की तारीफ पर छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में सियासी संग्राम छिड़ गया है. राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर सीधे शब्दों में आरोप लगाया हैं कि सरकार ने बंद कमरे में योजना की अच्छी-अच्छी बाते ही बताई है. धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए था कि योजना के तहत अब तक कितना गोबर खरीदा गया, कितना बह गया, कितना चोरी हो गया और कितना वर्मी कम्पोसड खाद नहीं बिका साथ ही यह भी कहा कि समिति के द्वारा तारीफ करने से योजना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. आज प्रदेश की वास्तविक स्थिति यह हैं कि अधिकांश केंद्रों पर गोबर खरीदी बंद हो चुकी है. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है. पूरी की पूरी योजना कागजों पर चल रहा है, जैसा राज्य सरकार रोका-छेका अभियान चला रही है.

संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्य गोधन न्याय योजना के अध्ययन-भ्रमण के लिए छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंची थी. 13 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष पीसी गड्डीगौडर के नेतृत्व में बीती शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की थी. समिति ने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना से लेकर खेती-किसानी की बेहतरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वनोपज संग्रहण जैसे मसलों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विस्तार से चर्चा की थी. इस दौरान समिति के सदस्यों ने गोधन न्याय योजना की विशेषरूप से तारीफ की थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *