बिना सांसद बने ममता बनर्जी बनीं तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल की नेता

नयी दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने पार्टी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से संसदीय दल की अध्यक्ष चुना है। दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की गई। इससे बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय की स्थिति में होंगी। संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बनर्जी लंबे समय से तृणमूल संसदीय दल के पीछे प्रेरक शक्ति रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम वास्तविकता को औपचारिक रूप दे रहे हैं, बस। हमारी अध्यक्ष सात बार संसद सदस्य रही हैं। उनके पास वह दृष्टिकोण है जिससे वह संसदीय दल का मार्गदर्शन कर सकती हैं। उनके पास अनुभव और अंतर्दृष्टि है। वह वैसे भी हमारा मार्गदर्शन कर रही थीं।’’ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद से बनर्जी स्वयं को एक ऐसे नेता के तौर पर स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं जो विपक्षी विमर्श की अगुवाई कर सके, एक ऐसा काम जो लंबे समय से कांग्रेस करती आ रही है। संसद में कांग्रेस के घटते संख्या बल और वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में तृणमूल की शानदार जीत एवं आम चुनाव में प्रदर्शन के बूते, दल विपक्ष की आवाज के तौर पर कांग्रेस की जगह लेना चाहता है। बनर्जी को संसदीय दल की अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा तृणमूल के शहीद दिवस कार्यक्रम के बाद हुई जिसमें विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शामिल हुए थे।

ब्रायन ने कहा कि यह फैसला अवधारणात्मक और रणनीतिक दोनों ही स्तरों पर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह हमेशा साथ खड़ी होती हैं। हम और सशक्त महसूस कर रहे हैं।’’ तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों ने बनर्जी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है। उल्लेखनीय है कि बनर्जी सांसद नहीं हैं।

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