मोदी सरकार की निगाह अब मदरसों पर….

‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत देश के मदरसों में एक लाख शौचालयों के निर्माण के लिए प्रक्रिया आखिरी चरण में है और जमीनी स्तर पर काम जल्द शुरू हो जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इसी साल मार्च में मदरसों के विकास के लिए ‘3टी’ (टीचर, टिफिन एवं ट्वायलेट) कार्यक्रम का फैसला किया था. इस कार्यक्रम के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में मदरसों के भीतर एक लाख शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.

मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन’ (एमएईएफ) मदरसों में शौचालयों के निर्माण का काम देख रही है. एमएईएफ ने वित्त वर्ष 2017-18 में मदरसों में शौचालयों के निर्माण के लिए गैर सरकारी संगठनों से आवेदन मंगाए थे. संस्थान के समक्ष कई गैर सरकारी संगठनों ने आवेदन किए हैं.

एमएईएफ के कोषाध्यक्ष शाकिर हुसैन अंसारी ने बताया, ‘मदरसों में शौचालयों के निर्माण के काम के क्रियान्वयन के लिए गैर सरकारी संगठनों से आवेदन मंगाए गए थे. कई संगठनों ने आवेदन किए है. बहुत जल्द उपयुक्त गैर सरकारी संगठनों का चयन किया जाएगा. उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा’. राज्य शिक्षा बोर्डों से मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा उन सभी मदरसों में शौचालयों का निर्माण कराया जाना है, जहां धार्मिक शिक्षा के साथ मुख्यधारा की शिक्षा दी जा रही है.

अंसारी ने कहा, ‘कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा मदरसों में शौचालयों का निर्माण कराया जाए. अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि इस वित्त वर्ष के आखिर तक मदरसों में एक लाख शौचालयों का निर्माण किया जाएगा. एमएईएफ इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है’. एमएईएफ का कहना है कि मदरसों के लिए ‘टी3’ कार्यक्रम के दो अन्य पहलुओं ‘टीचर और टिफिन’ में थोड़ा समय लग सकता है. अंसारी ने कहा, ‘शिक्षक और मध्याह्नन भोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े मामले हैं. ऐसे में कुछ तकनीकी दिक्कत पैदा हुई है. उम्मीद की जानी चाहिए कि मंत्रालयों के स्तर पर इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा’.

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