MOU के अंतिम चरण में पहुंचा जमरानी बांध

नैनीताल जिले में पिछले 46 सालों से लंबित जमरानी बांध के बनने की उम्मीदें तेज हो गई हैं. बांध निर्माण का मामला एमओयू के अंतिम चरण तक पहुंच गया है. अधिकारियों और राजनेताओं का दावा है कि चंद बैठकों के बाद बांध धरातल पर दिखेगा.

नैनीताल से लेकर ऊधम सिंह नगर और फिर उत्तर-प्रदेश के बरेली तक रहने वाले लाखों लोगों के लिए ये एक बेहतरीन खबर है. क्योंकि सालों से लंबित जमरानी बांध प्रोजेक्ट अब जमीन पर उतरने वाला है. जिससे इन इलाकों में पीने से लेकर सिंचाई तक के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा. जमरानी बांध को लेकर उत्तराखंड सरकार ने जो एमओयू यानी मैमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग उत्तर-प्रदेश सरकार को भेजा था, उसे यूपी सरकार ने कुछ बदलावों के साथ स्वीकार करने के संकेत दिए हैं.

ये पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने जमरानी बांध को लेकर कोई सकारात्मक रुख दिखाया हो. क्योंकि यूपी, उत्तराखंड और केंद्र तीनों ही जगह बीजेपी सरकार है. इसलिए जमरानी बांध जैसे अहम राजनीतिक मसले पर तीनों ही सरकारें सक्रिय दिख रही हैं.
सांसद भगत सिंह कोशियारी ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हल्द्वानी की जनता से जमरानी बांध बनाने का वादा भी किया है. अब मोदी सरकार के तीन साल बीत जाने के बाद अब जनता इस दावे को धरातल में देखना चाहती है.

जमरानी बांध का प्रस्ताव 1971 में बना था. 26 फरवरी 1976 को बांध का शिलान्यास किया गया. केसी पंत और एनडी तिवारी ने मिलकर किया था बांध का शिलान्यास.

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