PM मोदी ने लॉन्‍च किया गति शक्ति का मास्टर प्‍लान, पढ़िये खास रिपेार्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ को लॉन्‍च कर दिया. 100 लाख करोड़ रुपये की इस योजना के तहत रेल और सड़क समेत 16 मंत्रालयों को जोड़ा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्‍ट से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजक्ट्स में तेजी आएगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को गति शक्ति योजना का ऐलान किया था. इस योजना के तहत सभी विभागों को एक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से एक-दूसरे की परियोजनाओं का पता चलेगा और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एकीकृत और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगी. पीएमओ ने कहा कि गतिशक्ति परियोजना व्यापकता, प्राथमिकता, अनुकूलन, समकालीन और विश्लेषणात्मक तथा गतिशील होने के छह स्तंभों पर आधारित है. यह बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा, रसद लागत में कटौती करेगा, आपूर्ति श्रृंखला में सुधार करेगा और स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना देगा.

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ की शुरुआत कर दी है. इससे करीब 100 लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को गति मिलेगी. इसके तहत 16 मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को जीआईएस मोड में डाल दिया है, जिन्‍हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है.
  • पीएम मोदी ने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ हम, अगले 25 वर्षों के भारत की बुनियाद रच रहे हैं. पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान, भारत के इसी आत्मबल को, आत्मविश्वास को, आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जाने वाला है. ये नेशनल मास्टरप्लान, 21वीं सदी के भारत को गतिशक्ति देगा.’
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘गतिशक्ति के इस महाअभियान के केंद्र में हैं भारत के लोग, भारत की इंडस्ट्री, भारत का व्यापार जगत, भारत के मैन्यूफैक्चरर्स, भारत के किसान. ये भारत की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिए नई ऊर्जा देगा, उनके रास्ते के अवरोध समाप्त करेगा.’
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है. ये उनके घोषणापत्र में भी नजर नहीं आता. अब तो ये स्थिति आ गई है कि कुछ राजनीतिक दल, देश के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने लगे हैं. जबकि दुनिया में ये स्वीकृत बात है कि Sustainable Development के लिए Quality इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एक ऐसा रास्ता है, जो अनेक आर्थिक गतिविधियों को जन्म देता है, बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का निर्माण करता है.’
  • पीएम गतिशक्ति मास्‍टर प्‍लान को लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अब whole of government approach के साथ, सरकार की सामूहिक शक्ति योजनाओं को पूरा करने में लग रही है. इसी वजह से अब दशकों से अधूरी बहुत सारी परियोजनाएं पूरी हो रही हैं.’
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान सरकारी प्रोसेस और उससे जुड़े अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स को तो एक साथ लाता ही है, ये ट्रांसपोर्टेशन के अलग-अलग मोड्स को, आपस में जोड़ने में भी मदद करता है. ये होलिस्टिक गवर्नेंस का विस्तार है.’
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- ‘भारत में पहली इंटरस्टेट नैचुरल गैस पाइपलाइन साल 1987 में कमीशन हुई थी. इसके बाद साल 2014 तक, यानि 27 साल में देश में 15,000 कि.मी. नैचुरल गैस पाइपलाइन बनी. आज देशभर में 16,000 कि.मी. से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है. ये काम अगले 5-6 वर्षों में पूरा होने का लक्ष्य है.’
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘साल 2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 1900 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण हुआ था. बीते 7 वर्षों में हमने 9 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनों की डबलिंग की है. 2014 से पहले के 5 सालों में सिर्फ 3000 किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था. बीते 7 सालों में हमने 24 हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है.’
  • PM मोदी ने कहा, ‘साल 2014 के पहले लगभग 250 किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी. आज 7 सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है औऱ एक हजार किलोमीटर नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है. साल 2014 के पहले के 5 सालों में सिर्फ 60 पंचायतों को ही ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा सका था. बीते 7 वर्षों में हमने डेढ़ लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट कर दिया है.’
  • PM मोदी ने कहा, ‘देश के किसानों और मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से विस्तार दिया जा रहा है. 2014 में देश में सिर्फ 2 मेगा फूड पार्क्स थे. आज देश में 19 मेगा फूड पार्क्स काम कर रहे हैं. अब इनकी संख्या 40 से अधिक तक पहुंचाने का लक्ष्य है.’

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