भूस्खन से पहाड़ का जनजीवन अस्त व्यस्त
उत्तराखंड में मानसून की रफ्तार भले ही कम हुई हो, लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में मुश्किलों को दौर बना हुआ है। चार धाम यात्रा मार्गों के खुलने और बंद होने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को बदरीनाथ के पास लामबगड़ में मलबा आने से बंद हाईवे पर रविवार को आवाजाही शुरू हो गई है। दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ में बारिश का दौर थमा नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
पिथौरागढ़ में शनिवार रात हुई बारिश के दौरान मलबा आने से थल-मुनस्यारी और धारचूला-पांगला मार्ग बंद हो गया। बारिश से तीन मकान क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना है। प्रशासन नुकसान की सूचनाएं एकत्र करने में जुटा है, लेकिन उच्च हिमालयी क्षेत्र की संचार सेवा बाधित होने से दुर्गम क्षेत्र से सूचनाएं नहीं मिल पा रही हैं। बारिश के चलते आपदाग्रस्त मालपा और घटियाबगड़ में चल रहा खोजबीन कार्य भी प्रभावित रहा।
14 अगस्त को यहां बादल फटने से 12 लोगों की मौत हो गई थी और 30 लापता हैं। सीमांत तहसील धारचूला में सर्वाधिक बारिश होने से काली नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है। नैनीताल शहर में भी दोपहर बाद एक घंटे जमकर हुई बारिश। दूसरी ओर मसूरी में भी भूस्खलन से कोर्ट मैंकेंजी रोड पर आवागमन बाधित रहा।