हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले यात्रियों को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लेकर आना होगा अनिवार्य

देहरादून: हरिद्वार में अगले महीने से शुरू होने जा रहे महाकुंभ को लेकर कुहासा छंट गया है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) द्वारा जारी स्टैण्डर्ड ओपरेशन प्रोटोकॉल (एस.ओ.पी) के अनुसार महाकुंभ में आने वाले यात्रियों को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा. इसके अलावा 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग, 10 साल से छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाएं स्नान के लिए नहीं आ सकेंगी. यह ही नहीं बल्कि ब्लड प्रशर, डाईबटीज, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी जैसे रोगों से जूझ रहे लोगों को भी कुंभ में न आने की सलाह दी गयी है.

कुंभ में आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पूर्व की RT – PCR कोविड टेस्ट रिपोर्ट लाना ज़रूरी होगा. साथ ही यात्री को सरकारी अस्पताल से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना आवश्यक होगा. सभी यात्रियों को उत्तराखंड सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य होगा. यह सब होने के बाद ही आप महाकुंभ में गंगा के पावन जल में डुबकी लगा पायेंगे.

27 फरवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ में 10 लाख यात्रियों के रोजाना आने का अनुमान है. यह संख्या मुख्य स्नान पर्व में बढकर 50 लाख तक पहुँच सकती है. कोरोना महामारी के बीच इतनी बड़ी तादाद में यात्रियों को सँभालने में एस.ओ.पी की गाइडलाइन्स मददगार साबित हो सकती हैं. रविवार को तैयारियों का जायजा लेने हरिद्वार पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि कुंभ को सुविधायुक्त, दिव्य और सुरक्षित सम्पन्न कराने के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है.

हिंदु सनातनी परंपरा में महाकुंभ का बहुत महत्व है. 12 वर्ष के अन्तराल में होने वाले कुंभ के दौरान गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व माना गया है. राज्य सरकार का अनुमान है कि कुंभ के दौरान प्रतिदिन 10 लाख यात्री आ सकते हैं और बड़े स्नान के मौके पर ये संख्या 50 लाख तक जा सकती है. कुम्भ के दौरान 6 बड़े स्नान पड़ रहे हैं – 27 फरवरी, 11 मार्च, 12 अप्रैल, 14 अप्रैल, 21 अप्रैल और 27 अप्रैल. हरिद्वार प्रशासन इस दौरान क्राउड मैनेजमेंट को लेकर विशेष तैयारी कर रहा है.

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