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आदिवासी युवक की मौत के मामले में एक करोड़ रुपये का मुआवजा दे सरकार: विजय लक्ष्मी साधौ

भोपाल: खरगोन जिले के बिस्टान थाना क्षेत्र के खैरकुड़ी गांव के आदिवासी युवक बिसन की पुलिस कस्टडी में 6 और 7 सितम्बर की दरम्यानी रात हुई मौत के मामले कांग्रेस ने प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवज देने की मांग की है. साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है. कांग्रेस जांच समिति पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता देगी.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया था. समिति में विधायकगण ग्यारसीलाल रावत, पांचीलाल मेड़ा, बालसिंह मेड़ा, मुकेश पटेल को सदस्य बनाया गया था. समिति ने 9 सितम्बर को मृतक के गांव खैरकुंडी पहुंचकर ग्रामवासियों एवं मृतक के परिजनों से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जांच की. जांच का ब्यौरा देते हुए साधौ ने प्रेस वार्ता में कहा, “बीते 31 अगस्त 2021 को पुलिस ने बिसन को जांच के लिये थाने बुलाया. थाने में बिसन के साथ मारपीट की गई. मृतक के पुत्र मिथुन ने कांग्रेस की जांच समिति को बताया जब वह थाने गया तो उसे अपने पिता बिसन को भोजन देने से रोक दिया गया. मिथुन ने बताया कि उसके सामने ही बिसन को बेल्ट और पाईप से थाने के अलग-अलग कमरों में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया. बिसन को चार दिन तक खाना नहीं दिया गया. गांव के सरपंच और पटेल ने भी मारपीट की पुष्टि की. पटेल ने कहा कि पुलिस की मारपीट के कारण ही बिसन की मृत्यु हुई.” उन्होंने आगे कहा, “बिसन के पिता हाबू ने जांच कमेटी को बताया कि बिसन की जांघ और कूल्हों पर मारपीट के गहरे निशान देखे गए. बिसन को इतना ज्यादा पीटा गया था कि शरीर से उसकी खाल उतर गई थी और जख्मों से उसका मांस बाहर निकल आया था.” साधौ ने बताया, “जांच कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि बिसन की मृत्यु पुलिस प्रताड़ना से हुई है. पुलिस अधीक्षक का यह दावा कि बिसन को पुरानी चोटें थी, स्वीकार करने योग्य नहीं है. यदि उसे चोटे पुरानी थी तो पुलिस को उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था.”

पूर्व मंत्री साधौ ने कहा, “जेल अधीक्षक ने आदिवासी बिसन के घाव देखकर एमएलसी से संतुष्ठ न होने पर पुनः मेडिकल जांच हेतु भेजा. पुलिसकर्मी उसे लगभग शाम 7.45 बजे जेल लेकर पहुंचे और रात्रि 12 बजे उसकी तबियत बिगड़ी. बिसन को जिला अस्पताल भेजा गया जहां रात्रि 12.45 बजे उसकी मौत हो गई. पूरी परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस की जांच समिति ने इस घटना को पुलिस द्वारा आदिवासी बिसन की हत्या करना माना. जांच कमेटी ने पूरे तथ्यों से माननीय श्री कमलनाथ जी को अवगत कराया और उनके निर्देश पर पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता कांग्रेस पार्टी की ओर से दिये जाने की घोषणा की.”

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