उत्तराखण्ड

Uttarakhand: कैसे होगा सुनियोजित विकास… प्रदेश में केवल एक टाउन प्लानर, एक शासन में अटैच, दूसरे स्टडी लीव पर

प्रदेश में सुनियोजित विकास में अहम किरदार निभाने वाले नगर नियोजन विभाग में केवल एक टाउन प्लानर है। इनके भरोसे प्रदेशभर के विभिन्न शहरों के मास्टर प्लान, निकायों के मास्टर प्लान हैं। अब विभाग को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से नई भर्ती पूरी होने का इंतजार है। दरअसल, नगर नियोजन विभाग के सृजित पदों के हिसाब से हर जिले में कम से कम दो टाउन प्लानर होने चाहिए। इस प्रकार 26 टाउन प्लानर की जगह विभाग में केवल तीन टाउन प्लानर हैं। इनमें से एक को शासन ने बीते दिनों अटैच कर दिया था। दूसरे स्टडी लीव पर हैं। केवल एक टाउन प्लानर के भरोसे पूरा काम चल रहा है।विभाग को अमृत-1 के तहत देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, नैनीताल, रुद्रपुर और काशीपुर का मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। इसके लिए जो लक्ष्य तय किए गए थे, वे पूरे नहीं हो पाए हैं।

मास्टर प्लान को लेकर जद्दोजहद

लंबे समय से सरकार इन शहरों के मास्टर प्लान को लेकर जद्दोजहद कर रही है। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ का ड्राफ्ट तैयार हुआ है, जो संबंधित प्राधिकरण को आपत्ति व सुझावों के लिए भेजा जाएगा। अभी विभाग को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का गठन भी करना है, जिसमें अलग से टाउन प्लानर की जरूरत होगी। ऐसे में किल्लत और बढ़ने की संभावना है। हालांकि विभाग में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से नए टाउन प्लानर की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जिसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इनके आने से करीब पांच पद भर जाएंगे।

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