उन्होंने कहा कि पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह छह समन जारी होने के बावजूद न्यायमूर्ति चांदीवाल आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। एनसीपी नेता ने कहा कि न्यायमूर्ति चांदीवाल ने दो साल पहले सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। मैनें कई बार पत्र लिखकर फडणवीस को रिपोर्ट के निष्कर्ष जनता के सामने रखने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट को न तो सार्वजनिक किया और न ही विधानमंडल के सामने रखा। वहीं भाजपा प्रवक्ता राम कुलकर्णी ने देशमुख के आरोपों को बचकाना बताया। उन्होंने कहा कि सीबीआई के पास देशमुख के कुकर्मों के सबूत हैं।
क्या है पूरा मामला
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। एनसीपीएसपी के नेता ने समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि (तब विपक्ष में रहे) फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गए एक व्यक्ति ने उनसे मुलाकात की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उन्हें खुद को मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
यह लगाया था वाजे ने आरोप
सचिन वाजे ने कहा था कि जो कुछ भी हुआ, उसका सबूत मौजूद है। पैसा अनिल देशमुख के पीए के माध्यम से जाता था। सीबीआई के पास सबूत है और मैंने देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्ठी भी लिखी। मैंने सबूत जमा कर दिया है। मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं। मैंने चिट्ठी में जयंत पाटिल का भी नाम शामिल किया है। बता दें कि सचिन वाजे 2021 एंटीलिया बम कांड और मनसुख हिरेन हत्या मामले में भी आरोपी हैं।