शशिकला को करना चाहिए था इंतजार: पलानीस्वामी
जयललिता के निधन के बाद से ही इस तरह की खबरें सामने आ रहीं थी कि तमिलनाडु की कमान उनकी विश्वस्त रहीं शशिकला के हाथों में होगी। पिछले रविवार को एआइएडीएम विधायकों ने उन खबरों की पुष्टि भी कर दी। विधायक दल की बैठक में तमिलनाडु के सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के नाम का प्रस्ताव रखा जो सर्वसम्मति से पारित हो गया।
इस बैठक के तुरंत बाद पन्नीरसेल्वम ने इस्तीफा दे दिया और ये साफ हो गया कि तमिलनाडु की अगली कमान शशिकला के हाथों में होगी, हालांकि इन घटनाक्रमों के बीच शशिकला के शपथ लेने पर सस्पेंस कायम है। लेकिन इन सबके बीच एआइएडीएमके के पूर्व सांसद के सी पलानी स्वामी का कहना है कि पार्टी मुश्किल दौर से गुजर रही है, और ऐसे वक्त में सभी को विरोध को दरकिनार कर एकजुट रहने की जरूरत है।
के सी पलानीस्वामी ने कहा कि शशिकला के हाथ सरकार और पार्टी की कमान आने के बाद उनका तमिलनाडु के कई इलाकों में जबरदस्त विरोध हो रहा है। जनाधारविहीन शशिकला के पोस्टरों को राज्य के कई हिस्सों में फाड़ दिया गया। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शशिकला विरोधी नारे तैर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशिकला के इस कदम का विरोध कर रहे हैं।
पलानीस्वामी ने कहा कि1984 में एम जी रामचंद्रन के बीमार होने के बाद पार्टी पूरी तरह से एकजुट रही और जीत भी हासिल की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि शशिकला को जनरल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर पार्टी नेताओं का विश्वास जीतना चाहिए था। ऐसा करने में वो कामयाब भी रहतीं और ऐसा करने पर उनका विरोध नहीं होता और वो सीएम पद के लिए दावेदारी जता सकती थीं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर और बाहर ये धारणा थी कि जयललिता की विश्वस्त सहयोगियों में शशिकला एक हैं। लेकिन ये भी चर्चा आम थी कि वो पर्दे के पीछे से अपने लिए एक बड़ी भूमिका का निर्माण कर रही थीं। अगर जयललिता किसी एक शख्स में भरोसा करती थीं तो शशिकला को भी उसी नक्शेकदम पर चलना चाहिए था।