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केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों की जासूसी कर रही है! - Kaumi Guldasta Informatics Pvt. Ltd.
छत्तीसगढ़ समाचार

केजरीवाल सरकार दिल्ली के लोगों की जासूसी कर रही है!

क्या दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों के ऊपर स्टिंग और उनकी जासूसी कर रही है. ये आरोप विजलेंस विभाग की एक रिपोर्ट में लगाये गए हैं. इस साल के शुरु में सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु की. ये जांच एक ऐसे खुफिया विभाग के बारे में है जो दिल्ली सरकार के अंदर ही है और जिसको फीडबैक यूनिट बोला जाता है. लेकिन आरोप यह है कि ये फीडबैक यूनिट केजरीवाल के लिए जासूसी का काम कर रही है. फीडबैक यूनिट के जो सदस्य थे वे विजलेंस विभाग से जुड़े थे, लेकिन विजलेंस विभाग के प्रमुख को ये ही नहीं पता था कि ये लोग उनके अंडर में काम करते हैं. फीडबैक यूनिट के लोंगो की 100 परसेंट अटैंडेंस दिखाई गई. बकायदा एसयूवी कार और बाइक भी इनको दी गई. सिक्रेट सर्विस फंड के नाम पर 1 करोड़ भी इस टीम को सरकारी खजाने से दिया गया और बताया गया कि केवल 50 हजार ही खर्च किए गए थे.

खामियों के बाजवूद भी जो स्टिंग यूनिट थी उसने साउथ दिल्ली के एक निजी स्कूल में  किया था. जांच सबसे पहले स्टिंग ऑपरेशन पर सवाल खड़े करती है क्योंकि निजी स्कूल prevention of corruption act के दायरे में नहीं आते हैं.

ये बस महज एक शुरआत थी, कैलाश चन्द नाम के जिस शख्स ने खुद को एंटी करप्शन ब्रांच में अपर डिवीजन क्लर्क बताया था वो विजिलेन्स की जांच में फर्जी पाया गया. जांच रिपोर्ट आगे ये भी बताती है कि इस स्टिंग यूनिट के 20 अफसर सीधे  को रिपोर्ट करते थे. उनकी हायरिंग में बहाली की प्रकिया को नजरअंदाज किया गया. इस यूनिट को बनाने के लिए कोई कैबिनेट से अनुमति नहीं ली गई ना ही एलजी से. ना कोई कागजी नोट तैयार किया गया था. दिसंबर 2016 में विजलेंस में साफ तौर पर इस यूनिट को तुरन्त बन्द करने के लिए और इस मामले की पूरी जांच कराने के लिए cbi को लिखा था. जिसके बाद जनवरी 2017 में सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

 

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