क्या सीएम आदित्यनाथ से नहीं संभल रहा है उत्तर प्रदेश?
योगी सरकार हर बार की तरह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कह रही है, लेकिन ये सवाल अब तेजी से गूंजने लगा है कि क्या योगी से उत्तर प्रदेश नहीं संभल रहा है?योगी सरकार हर बार की तरह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कह रही है, लेकिन ये सवाल अब तेजी से गूंजने लगा है कि क्या योगी से उत्तर प्रदेश नहीं संभल रहा है?उत्तर प्रदेश में मुहर्रम और दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के मौके पर नौ शहरों में हिंसा हुई. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को कड़ी चेतावनी दी थी बावजूद इसके राज्य में क्राइम का ग्रॉफ अचानक काफी तेजी से बढ़ रहा है.उत्तर प्रदेश में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अपराध के आंकड़ों पर नज़र डालें तो कानून व्यवस्था की हालत अखिलेश राज से और बदतर हुई है.
आंकड़ों पर डालें एक नज़र
- 16 मार्च 2017 से 31 मई 2017 के बीच कुल अपराध की संख्या 58, 316 है, जबकि साल 2016 में इसी दौरान कुल अपराध की संख्या 73, 874 थी.
- योगी के शासनकाल में यूपी में रेप के 1136 मामले दर्ज किये गए, जबकि इसी दौरान 2016 में रेप के 781 मामले दर्ज हुए थे.
- योगी राज में डकैती के 67 मामले दर्ज किये गये हैं, जबकि इसी दौरान साल 2016 में डकैती के केवल 56 मामले सामने आये थे.
- योगी के शासनकाल में 16 मार्च 2017 से 31 मई 2017 के बीच लूट के 1027 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि इसी दौरान साल 2016 में 795 मामले दर्ज हुए थे.
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी ने साधी चुप्पी
जिस वक्त उत्तर प्रदेश के नौ शहर हिंसा की चपेट में थे, उस वक्त सूबे के योगी आदित्यनाथ अपने गढ़ गोरखपुर में थे. आज लखनऊ में सीएम योगी ने बाकी सबकुछ कहा, लेकिन कानून व्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने कुछ नहीं बोला.