फिर सवालों के घेरे में आया यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग
यमुनोत्री धाम तक पहुंचने वाला पैदल पथ अपने खराब निर्माण के लिए एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है. जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम तक का ये 5 किमी का मार्ग छह माह की यात्रा के दौरान दूसरी बार जगह-जगह से टूट गया है. यमुनोत्री धाम के इस साल के कपाट खुलने से कुछ माह पूर्व ही पीडब्लूडी और एटीबी के ठेकेदारों की मिली भगत के कारण यह पैदल मार्ग में शुरुआत में ही खांमिया आने लगी थी. जिसकी खबरें मीडिया में चलने के बाद उत्तरकाशी के तत्कालीन जिलाधिकारी ने जांच के निर्देश भी दिए थे.
जिलाधिकारी की निर्देश पर हुई जांच रिपोर्ट में मार्ग की गुणवत्ता पर सवाल उठे और मार्ग निर्माण में कई खामियां पाई गई थी. जिन्हें तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी केवल खानापूर्ति की गई. जगह-जगह से टूटे पैदल मार्ग को दुरुस्त करने का कार्य भी ठीक से नहीं हुआ. पीडब्लयू और एडीबी के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह मार्ग एक बार फिर से क्षतिग्रस्त हो गया है. जगह-जगह लगी पत्थर की टाइल्स उखड़ गई हैं. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. यमुनोत्री तीर्थ के पुरोहित और मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ने जगमोहन उनियाल ने माना कि सरकारी अधिकारी हर बार मार्ग निर्माण में लीपापोती और खानापूर्ति करते हैं. जिसके कारण पैदल मार्ग बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाता है.
वहीं उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को जगह-जगह से टूटे पैदल मार्ग में कोई भी खामियां नजर नहीं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है. जो भी मामला उनके संज्ञान में आएगा वे उस पर उचित कार्रवाई करेंगे.