डिजिटाइजेशन की ओर आगे बढ़ा उत्तराखंडः Madan Koshik

फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की सोमवार को जंगलों पर जारी 2017 की रिपोर्ट चिपको आंदोलन की धरती उत्तराखंड के लिए काफी चौंकाने वाली है. रिपोर्ट कहती है कि उत्तराखंड में वन क्षेत्र तो घटा है लेकिन वन क्षेत्र से बाहर हरियाली बढ़ी है. राज्य के मुख्यमंत्री कुल वन क्षेत्र बढ़ने के लिए राहत जताते हैं और कहते हैं कि वन क्षेत्र से भूमाफ़ियाओं को खदेड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मामले पर मुख्यमंत्री रावत कहते हैं कि फारेस्ट एरिया बढ़ा है हालांकि वह यह भी स्वीकार करते हैं कि जिस अनुपात मे फारेस्ट कवर एरिया बढ़ना चाहिए था उतना नहीं बढ़ा है.

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि उत्तराखंड में निरंतर कटान और विकास कार्योँ के चलते संरक्षित और सिविल वन क्षेत्रफल में 49 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की कमी आई है. इसके विपरीत नॉन फारेस्ट एरिया में 23 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वनीकरण हुआ है. लेकिन सिविल और संरक्षित वन क्षेत्रफल में आई जंगलों में यह कमी बेहद चिंताजनक है.

मुख्यमंत्री वन क्षेत्र में कमी को सरंक्षित वन क्षेत्र में अवैध कब्ज़े से भी जोड़ते हैं और कहते हैं कि सरकार वनों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. वह देहरादून के 300 परिवारों से 60 बीघा ज़मीन खाली करवाने का हवाला देते हैं.

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