उत्तराखंड में बच्चों को भिक्षा नही मांगने देंगे: हनी पाठक

देहरादून: अर्पित फाउंडेशन की अध्यक्ष व समाज सेविका हनी पाठक ने अपने संगठन के साथियों के साथ बच्चों को भिक्षा न मांगने देने की शपथ ली।

इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने आज अपने संगठन के साथियों के साथ उत्तराखंड डीजीपी को ज्ञापन सोपा उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण अधिनियम के तहत बच्चों का भिक्षा मांगना एक सामाजिक कुप्रथा व अपराध है।एनजीओ अर्पित फाउंडेशन इस ज्ञापन के माध्यम से ये अवगत कराना चाहती है कि अभी भी उत्तराखंड राज्य में छोटे छोटे मासूम बच्चों को ज़बरदस्ती या जानबूझकर सड़को पर भीख मांगने के लिए मजबूर किया जा रहा है इस कुप्रथा ने राज्य में धीरे धीरे महामारी का रूप ले लिया है बीती रात अर्पित फाउंडेशन की टीम ने गांधी पार्क के पास एक 8 वर्षीय बालक को पकड़ा जो 1.5 वर्षीय बालक को पीट पीट कर उससे भीख मंगवा रहा था। जो देखते ही भागा उसे पकड़कर पुलिस को बुलाया गया और उसके माता पिता को चेतावनी दी गयी।चौकी इंचार्ज कुलदीप पन्त जी ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए फाउंडेशन का पूर्ण सहयोग किया तथा हमारी एनजीओ के साथ मिलकर इस कुप्रथा को रोकने का आश्वासन भी दिया।

अर्पित फाउंडेशन एक कदम आगे बढ़कर इस अभियान को अंतिम रूप देना चाहती है और इस अभियान में पुलिस का पूर्ण सहयोग चाहती है।

रोज शाम को इस तरह के बाल भिखारियों को पकड़ा जाय व उनके माता पिता या अभिभावाको को बुलाया जाय और इनकी गिनती कराई जाए जिससे इनकी उचित संख्या ज्ञात हो सके और समय रहते इस कुप्रथा से मासूम बच्चों को निजात मिल सके।

डीजीपी महोदय ने इस घटना पर अफसोस जाहिर किया और अर्पित फाउंडेशन के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि वह मानवता के नाम पर हमेशा अर्पित फाउंडेशन के साथ खड़े है।

इस मौके पर अर्पित फाउंडेशन के सचिव हीरा सिंह जी,समाज सेविका गुड़िया खान जी,नीलम जी,मोनू राठोर जी व राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ भारत के प्रदेश अध्यक्ष व विश्व मुस्लिम बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तराखंड आर्किटेक्ट मोहम्मद आतिफ़ मौजूद रहे।

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