whatsapp पर अफवाह फैलाने वालों की खैर नहीं

www.kaumiguldasta.com : सोशल मीडिया पर अफवाह और फर्जी सूचना का वायरल होना कितना घातक हो सकता है इसका ताजा उदाहरण हाल के भारत बंद के दौरान आधा दर्जन से ज्‍यादा राज्‍यों में भड़की हिंसा रही है. लेकिन अच्‍छी बात यह है कि अब व्‍हाट्स ऐप पर अगर कोई मैसेज ज्‍यादा बार फारवर्ड हुआ तो वह पकड़ में आ जाएगा. व्‍हाट्स ऐप ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. वह ऐसा फीचर लेकर आ रहा है जिससे अफवाह और वायरल होते संदेशों को बीच में रोका जा सकेगा. इस नए फीचर के बारे में व्‍हाट्स ऐप ने कहा कि अगर कोई संदेश 25 बार से अधिक बार अन्‍य लोगों को भेजा जाता है तो वह इसे भेजने वाला व संदेश में क्‍या लिखा है इसे तुरंत पकड़ लिया जाएगा. यह फीचर मोबाइल फोन पर न सिर्फ ऐसे संदेश आने से रोकेगा बल्कि मोबाइल को हैकिंग या डाटा चोरी से भी बचाएगा.

संदेश में दर्ज होगा कई बार भेजा गया
व्‍हाट्सऐप इस फीचर पर तेजी से काम कर रहा है. उसके मुताबिक कोई भी ऐसा संदेश जो कई समूहों में भेजा जाता है, इससे उसकी ट्रैकिंग हो सकेगी. ऐसे संदेश को कई बार भेजने पर इसके साथ श्फारवर्डेड मैनी टाइम्‍सश् की हेडिंग जुड़ जाएगी. यही नहीं अगर कोई संदिग्‍ध मैसेज को फारवर्ड करना चाहेगा तो यह चेतावनी भी देगा. साथ ही यह भी मैसेज आएगा कि जो संदेश आप आगे बढ़ाना चाह रहे हैं वह कई लोगों से शेयर हो चुका है. दूसरी तरफ विशेषज्ञ राय देते हैं कि व्‍हाट्स ऐप या सोशल नेटवर्किंग साइट पर मैसेज फारवर्ड करते समय हमेशा उसकी गंभीरता के बारे में अंदाज लगा लेना चाहिए. ऐसे ही संदेश भेजने चाहिए जो किसी की भावना हो आहत न करें. तथ्‍यपरक चीजें ही शेयर करनी चाहिए.
क्‍यों पड़ी इसकी जरूरत
बीते दिनों में कई ऐसी अराजक घटनाएं हुई हैं जिनमें यही बात उभर कर सामने आई कि इसका कारण सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज रहा. जिसे पढ़कर लोग हिंसक या आक्रोशित हो गए. ऐसी घटनाओं में भारत बंद सबसे बड़ी घटना था. पहले दिन जब सरकार को खबर हुई कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक संदेश से कई राज्‍यों में भीड़ हिंसक हो गई थी तो अगले ही पल मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान में प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं ताकि हिंसा फैलने से रोका जा सके. ऐसी ही नोटबंदी के समय 2000 रुपए के नोट में चिप लगी होने की अफवाह फैली थी. कुछ दिन पहले एक मैसेज वायरल हुआ था कि अप्रैल में खूब जोर का भूकंप आएगा जिससे एनसीआर को ज्‍यादा नुकसान पहुंचेगा. हालांकि ऐसी कोई अनहोनी नहीं हुई. ऐसे कई तरह के संदेश किसी न किसी तरह से लोगों को नुकसान पहुंचाते रहे हैं. यह फीचर ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास है जिसके लिए सरकार भी दबाव बना रही है.

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