बदले गए UPA के समय के GDP आंकड़े तो चिदंबरम बोले- यह बुरा मजाक, बंद किया जाए नीति आयोग
नई दिल्ली। यूपीए सरकार के समय के जीडीपी आंकड़ों को बदलकर दोबारा से जारी करने पर नया सियासी विवाद खड़ा हो गया है, कांग्रेस ने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है, कांग्रेस ने पीएम और जेटली पर अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को छुपाने के लिए चालाकी करने का आरोप लगाया है, नए आंकड़े जारी करके बताया गया है कि साल 2014 से 2018 के बीच एनडीए के पहले चार साल में विकास की रफ्तार यूपीए के दौर से ज्यादा रही है, बता दें, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव ने बुधवार को जीडीपी का संशोधित आंकड़ा जारी किया।
कांग्रेस ने इस कदम को भाजपा सरकार का ’’बुरा मजाक’’ करार दिया है, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने एक के बाद एक कई सारे ट्वीट करके पीएम मोदी सरकार और नीति आयोग पर निशाना साधा है, उन्होंने ट्वीट किया, ’’नीति आयोग के संशोधित जीडीपी आंकड़े एक मजाक हैं, वे एक बुरा मजाक हैं, असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं, यह चालाकी के तहत किया गया है, अब समय आ गया है कि बेकार संस्था नीति आयोग को बंद कर दिया जाए। साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, पहले आंकड़ों की गणना राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग करता था, क्या आयोग को भंग कर दिया गया।
मनमोहन सिंह सरकार में ज़्यादा थी विकास दर, मोदी सरकार ने फजीहत के बाद हटाया डाटा
बुधवार को जारी संशोधित आंकड़ों के मुताबिक 2005-06 के बीच जिस विकास दर को 8 फ़ीसदी से ऊपर माना जा रहा था, वह दरअसल 6.7 फ़ीसदी रही है।
जीडीपी विकास दर में बदलाव.
2005-06 रू 9.3ः से घटाकर 7.9ः
2006-07 रू 9.3ः से घटाकर 8.1ः
2007-08 रू 9.8ः से घटाकर 7.7ः
2008-09 रू 3.9ः से घटाकर 3.1ः
2009-10 रू 8.5ः से घटाकर 7.9ः
2010-11 रू 10.3ः से घटाकर 8.5ः
अब नए आंकड़े, एनडीए के पहले चार साल में विकास की रफ्तार यूपीए के दौर से ज़्यादा रहने का दावा
नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, हमने नई मेथोडोलोजी का इस्तेमाल किया है जो पुरानी मेथोडोलोजी से बेहतर है।