हंगामेदार रहेगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

देहरादून। विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। निकाय चुनाव नतीजों से मिली ऊर्जा के बाद प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के तेवर यही संकेत दे रहे हैं। गैरसैंण पर सरकार के मुखिया, मंत्रिमंडल सहयोगी और प्रदेश भाजपा संगठन के अलग-अलग सुर के मुद्दे को तुरंत कांग्रेस ने लपक लिया है। विधानसभा में इसे मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी है। इसके साथ ही नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी है।

आगामी तीन दिसंबर को कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में इन मुद्दों को धार दी जाएगी। विधानसभा का तीन दिनी शीतकालीन सत्र आगामी चार दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है।

इस संक्षिप्त सत्र में यूं तो राज्य सरकार अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है, लेकिन कांग्रेस को सत्र में उक्त दोनों की घेराबंदी का मुद्दा मिल गया है। गैरसैंण को लेकर कांग्रेस पहले से ही भाजपा पर दोहरा रुख अपनाने का आरोप लगाती रही है।

अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के गैरसैंण में विधानसभा सत्र को लेकर दिए बयान के बाद सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर विधानसभा के भीतर भी सियासी तापमान बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है।

गैरसैंण पर ध्रुवीकरण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के बयान के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा सत्र पर निर्णय को सरकार का अधिकार बताकर गैरसैंण पर गर्मा रही सियासत को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन काबीना मंत्री हरक सिंह रावत के इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ खड़ा दिखने के बाद यह मुद्दा और तूल पकड़ गया है।

कांग्रेस अब इस मुद्दे पर सरकार और संगठन के बीच मतभेद को मुद्दा बनाने की तैयारी में है। दरअसल, गैरसैंण का मुद्दा उत्तराखंड राज्य आंदोलन में जन भावनाओं से गहरे जुड़ा रहा है। गैरसैंण में स्थायी राजधानी का मसला हो या विधानसभा सत्र का आयोजन, सत्तापक्ष और विपक्ष एकदूसरे को निशाने पर लेने का मौका नहीं चूकते।

शीतकालीन सत्र से ऐन पहले सत्तारूढ़ दल ने यह मुद्दा विपक्ष को थमा दिया है। सदन के भीतर कांग्रेस इस मुद्दे पर ध्रुवीकरण की कोशिशों में जुट गई है। निकाय प्रतिनिधियों के उत्पीड़न पर मुखर शीतकालीन सत्र में निकाय चुनाव में विपक्ष के पार्षदों और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस उग्र रहने के मूड में है।

नगर निकाय चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का मुद्दा उठाती रही कांग्रेस अब विधानसभा सत्र के मौके पर भी निकाय चुनाव और उसके बाद उत्पीड़न के मामले को रंग देने की तैयारी में है। उत्पीड़न के मामले भी उठेंगे इसीतरह प्रदेश में भाजपा के एक नेता पर लगे आरोप समेत राज्य में यौन उत्पीड़न के तेजी से सामने आ रहे मामलों पर कांग्रेस ने मुखर रहने के संकेत दिए हैं।

दरअसल विपक्ष की मंशा सत्तापक्ष को कठघरे में खड़ा करने की है। इसे ध्यान में रखकर ही आक्रामक रणनीति तय की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि गैरसैंण पर भाजपा का असलियत खुल गई है। कांग्रेस सदन के भीतर सत्तारूढ़ दल के रुख को सामने रखेगी। उन्होंने कहा कि तीन दिसंबर को कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में पार्टी सरकार को घेरने के लिए ठोस रणनीति को अंतिम रूप देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *