स्टूडेंट्स को मोदी सरकार का गिफ्ट

केंद्र सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में पंजीकृत पीएचडी छात्रों की फेलोशिप में इजाफा किया है. सरकार की इस पहल से 60 हजार शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा. यह जानकारी बुधवार को जारी एक बयान में दी गई.

पीएचडी में जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) को पहले दो वर्ष के लिए राशि को 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 31 हजार रुपये प्रति महीने कर दिया गया है. इसी तरह से पीएचडी के शेष समय में वरिष्ठ शोध फेलो को 28 हजार रुपये प्रति महीने के बजाए 35 हजार रुपये मिलेंगे. बयान में बताया गया है कि यह एक जनवरी से लागू होगा. सरकार ने शोध फेलो के कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कई वित्तीय और शैक्षणिक प्रोत्साहन राशि की पहल की है और Fellowship में प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी होगी. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पहल का स्वागत किया और नरेन्द्र मोदी सरकार की तरफ से शोधकर्ताओं के लिए इसे बड़ा तोहफा बताया.

उन्होंने ट्वीट किया,”JRF, एसआरएफ और शोध सहायक (एक, दो, तीन) के फेलोशिप की राशि में इजाफा करने का निर्णय नरेन्द्र मोदी सरकार की तरफ से शोधकर्ताओं को बड़ा तोहफा है. शोध से भारत में बदलाव आएगा. सबका साथ सबका विकास.’’

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘यह इजाफा लगातार हो रहा है. 2015 में नरेन्द्र मोदी सरकार ने फेलोशिप में 56 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और अब 2019 में 25% जो 2014 में दी जा रही फेलोशिप राशि में करीब सौ फीसदी बढ़ोतरी बनता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘फेलोशिप राशि में बढ़ोतरी का निर्णय दर्शाता है कि नरेन्द्र मोदी सरकार शोधकर्ताओं और अन्वेषकों का ख्याल रखती है.’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह दुनिया के सबसे बड़े फेलोशिप में शामिल है जहां करीब 53 हजार शोध छात्रों को सीधा लाभ मिलेगा. सरकार इस पर प्रति वर्ष 500 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करेगी.’’ गौरतलब है कि 16 जनवरी को देश भर के शोधकर्ताओं ने स्कॉलरशिप की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर दिल्ली में शास्त्री भवन के बाहर प्रदर्शन किया था.

 

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