मोदी सरकार को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने आज सेंट्रल विस्टा क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए केंद्र की योजना के प्रदाता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर हुई पिछली सुनवाई में सरकार को संसद भवन के शिलान्यास करने की मंजूरी दी थी। कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के प्रस्तावक को सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग टॉवर लगाने और एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को नए संसद भवन की इमारत की आधारशिला रखी थी। लेकिन उस समय सुप्रीम कोर्ट में कोई निर्माण या तोड़-फोड़ या फिर पेड़ गिराने के काम पर रोक लगाई थी।

इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। साझा केन्द्रीय सचिवालय के बनने का अनुमान 2024 तक है। इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है।

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