पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों को लेकर सुगबुगाहट हुई तेज

नयी दिल्ली। साल 2021 की शुरुआत के साथ ही राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली थी और तैयारियों में जुट गए। इसी बीच खबर है कि चुनाव आयोग चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। जहां सरकार कृषि कानूनों के भारी विरोध के बीच में फरवरी के मध्य में आम बजट पेश कर सकती हैं, वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी जानकारी दे सकता है।

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चुनाव की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं और आम बजट पेश होने के बाद विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 4 चरण में हो सकते हैं। जबकि असम में दो चरणों में होने की संभावना है और बाकी के राज्यों में एक ही चरण में मतदाता अपने मतदान का इस्तेमाल करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग ने एक आदेश जारी कर अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश दिया है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से बाकी दफ्तरों की तरह चुनाव आयोग ने भी 33 से 50 फीसद कर्मचारियों के साथ काम कर रहा था और बाकी के अधिकारी और कर्मचारी अपने घरों से काम कर रहे थे लेकिन अब सभी को दफ्तर बुलाया गया है।

इस साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले सभी राज्यों के चुनाव सम्पन्न हो सकते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में चुनाव होने वाला है। ऐसे में चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों का ऐलान कर सकता है। सूत्रों ने जानकारी दी कि चुनाव आयोग बोर्ड की परीक्षाओं की तारीख को देखते हुए उसी के अनुरूप तारीखों की घोषणा करेगी। इस बार की बोर्ड परीक्षा 4 मई से 10 जून के बीच होने वाली है। जिसका मतलब है कि 4 मई से पहले चुनाव सम्पन्न कराए जा सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। जिसके मुताबिक जिन अधिकारियों ने पिछले चुनावों में लापरवाही बरतने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था या फिर जिन लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई हो रही है। उन लोगों को इस बार ड्यूटी पर नहीं लगाया जाए ताकि बिना किसी अड़चन के चुनाव सम्पन्न हो सके। आयोग के लिए पश्चिम बंगाल में चुनाव कराना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि यहां पर आए दिन हिंसा की खबरें सामने आती रहती हैं। ऊपर से भाजपा कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर आयोग से सख्ती बरतने की मांग कर रही है। बंगाल में भाजपा पहली बार मुख्य विपक्षी के तौर पर सामने आई है और लगातार सत्ता परिवर्तित करने का दावा कर रही है। लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को अपने प्रदर्शनों से चौंका दिया था वहीं कांग्रेस वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रयास कर रही है।

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