उत्तराखंड: हरीश रावत की ‘तमन्‍नाओं’ को इंदिरा हृदयेश का झटका!

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की अगुवाई कौन करेगा इसको लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत के समर्थक उन्हें ही चेहरा बता रहे हैं. यही नहीं हरदा समर्थकों ने तो दो कदम आगे निकलते हुए गुरुवार को हल्द्वानी में हरदा को चेहरे तौर पर लॉन्च कर दिया है. हरदा समर्थकों ने ऐलान कर डाला है कि ”हरदा हमारा, आला दुबारा…आस लागी रौ, आस लागी रौ, उत्तराखंड सारा ” यानी हमारे हरदा दोबारा आएंगे ये आस सारा उत्तराखंड लगाए बैठा है. हालांकि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने एक बार फिर से साफ किया कि सीएम का चेहरा गाने से नहीं 2022 में कांग्रेस की जीत के बाद तय होगा.

गीत लॉन्च करते हुए हरीश रावत के करीबियों में शुमार किए जाने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने मांग कर डाली की पार्टी आलाकमान जल्द से जल्द हरीश रावत को चेहरा घोषित कर दे जिससे परिणाम कांग्रेस के पक्ष में और बेहतर आ सके. गीत की खास बात ये है कि इसमें हरीश रावत के सीएम के तौर पर किए गए काम गिनाए गए हैं. उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय द्वारा गाए गए हरदा पर आधारित चार मिनट 20 सेकेंड के उत्तराखंडी लोकगीत में हरीश रावत ने सीएम रहते जो योजनाएं प्रदेश में चलाई उनका जिक्र है. इसमें पहाड़ के पारंपरिक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए किए कामों से लेकर बुजुर्गों के लिए चलाई गई स्कीम मेरे बुजुर्ग-मेरे तीर्थ, छोलिया, जगरियों के लिए चलाई गए स्कीम, गौरा-नंदा देवी कन्या धन योजना, पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाई गई म्यर पेड़, दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए म्यर दूध, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए पुष्ट आहार जैसी योजनाओं का जिक्र है.

गीत के जरिये किया गया 2022 के लिए वादागीत केवल सीएम के तौर पर हरदा के किए गए कामों को ही नहीं गिना रहा बल्कि ये भी रहा है कि अगर हरदा 2022 में मुख्यमंत्री बने तो क्या करेंगे? गीत के बोलों में जिक्र है कि पहले जहां हरीश रावत के राज में सस्ती बिजली मिली थी अब वो मुफ्त में मिलेगी. टेक होम राशन, पेयजल की व्यवस्था, विधवा महिलाओं के लिए बकरी पालन योजना, गंगा गाय योजना, मेरा गांव-मेरी सड़क योजना, अस्पतालों में डॉक्टर, स्कूलों में टीचर, छोलियार, पुरोहितों और लोक कलाकारों को पेंशन के साथ ही सस्ते गेहूं-चावल और हजारों-हजार सरकारी नौकरियों का भी दावा किया गया है. कुछ दिन पहले कांग्रेस महासचिव हरीश रावत खुलेआम सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये पार्टी आलाकमान को सुझाव दे चके हैं कि 2022 के लिए उत्तराखंड में किसी न किसी नेता को चेहरा घोषित कर दें ताकि चुनाव मोदी बनाम कांग्रेस न हो. हालांकि हरीश रावत की इस राय का पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह और नेता

प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने विरोध किया था. दोनों नेताओं ने रावत के सुझाव को कांग्रेस की परंपरा के विपरीत करार दिया और सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की पैरवी करने लगे. आलाकमान ने भी अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.

 

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