ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना : आरवीएनएन ने पांच किमी सुरंग का काम किया पूरा
ऋषिकेश कर्णप्रयाग परियोजना की पांच किलोमीटर सुरंग बनकर तैयार हो गई है। 15 फरवरी तक रेल विकास निगम की ओर यह काम पूरा गया है। अब आरवीएनएल ने हर दिन 100 मीटर सुरंग बनाने का लक्ष्य रखा है। आपदा से निपटने के लिए सुरंगों को सुरक्षित बनाया गया है। इन सुरंगों का डिजाइन भी अलग तरह का है।
रेल विकास निगम के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुडी ने बताया कि 126 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के नौ पैकेज में 80 (फेस) प्रवेश द्वार होंगे। जिसमें से 31 मार्च तक 50 प्रवेश द्वार बनकर तैयार हो जाएंगे। किसी भी आपदा जैसे भूकंप, बाढ़ और आग से निजात पाने के लिए आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की ओर से साइट स्पेसिफिक स्पेक्ट्रम स्टडी तैयार की गई है, जिसे विदेशों के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की ओर से जांचा गया है। भूस्खलन से बचने के लिए पोरल स्टेबलाइजेशन किया गया है। सभी बातों का ध्यान में रखकर सुरंगों का डिजाइन तैयार किया गया है। सभी पैकेज में पर्यावरण, स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। इस काम के लिए सभी पैकेज पर एक ठेकेदार और आरवीएनएल का एक एक कर्मचारी तैैनात रहता है। किसी भी प्रकार आपदा से बचने के लिए सुरंगों को सुरक्षित बनाया जा रहा है।
यह है 126 किमी रेलवे लाइन के पैकेज
पैकेज – 1- ढालवाला से शिवपुरी
पैकेज- 2- शिवपुरी से ब्यासी
पैकेज – 3- ब्यासी से देवप्रयाग
पैकेज – 4- देवप्रयाग से जनासू
पैकेज- -5- जनासू से श्रीनगर
पैकेज- 6- श्रीनगर से धारी देवी
पैकेज- 7 ए- धारी देवी से तिलनी
पैकेज – 7 बी- तिलनी से घोलतीर
पैकेज- 8- घोलतीर से गौचर
पैकेज-9 गौचर से कर्णप्रयाग