उत्तराखंड बजट 2021: त्रिवेंद्र सरकार के बजट में दिखेगी खेती और सेहत की चिंता

कोविड महामारी से प्रभावित राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार चार मार्च को गैरसैंण में अपना पांचवां बजट पेश करेगी। चुनावी वर्ष में सरकार करीब 57 हजार करोड़ से अधिक का बजट लेकर आ रही है। प्रदेश सरकार को 2022 तक राज्य के किसानों की आमदनी दोगुनी करने के संकल्प पूरा करना है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का भी दबाव है। जाहिर है कि बजट में सेहत और किसानों की चिंता देखने को मिल सकती है। पेश है बजट काउंटडाउन सीरीज की दूसरी किस्त…

त्रिवेंद्र सरकार के पांचवें बजट से खेती किसानी और स्वास्थ्य सुधार को लेकर काफी उम्मीदें है। कोविड महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ ही सरकार के सामने 2020 तक किसानों की आय दोगुनी करने और जानलेवा वायरस कोरोना जैसी बीमारियों से निपटने की एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने कृषि व बागवानी के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। लेकिन इन्हें धरातल पर उतारने के लिए बजट की दरकार है।

उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था कृषि, बागवानी, पशुपालन, वन, खनन, विनिर्माण, व्यापार, होटल व अन्य सेवा क्षेत्रों पर निर्भर है। खेतीबाड़ी में मुनाफा न होने के कारण किसान खेती छोड़ कर पलायन कर रहे हैं। राज्य गठन के बाद कृषि क्षेत्रफल में लगभग 17 प्रतिशत कम हुआ है। पहाड़ों में सिंचाई सुविधाओं का अभाव, कोल्ड चेन, मार्केटिंग का अभाव है। वहीं, राज्य में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। डॉक्टरों की कमी, वेंटीलेटर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन, डायलिसिस, नए मेडिकल कालेज समेत अन्य सुविधाओं के लिए अधिक बजट की दरकार है।

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