उत्तराखंड में नेतृत्व बदलते ही सरकार से संगठन तक हलचल

देहरादून: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही राजकाज का पूरा सिनेरियो भी चेंज हो गया है. मंत्रियों की तो इस बार भी लॉटरी लग गई है. लेकिन अब सरकार में दायित्वधारियों और संगठन में पदाधिकारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं. ये सोचकर कि न जाने किसका पत्ता कट जाए. मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ ही उनके द्वारा बनाए गए मंत्रियों और दायित्वधारियों का दायित्व भी समाप्त मान लिया जाता है. त्रिवेंद्र सरकार में शामिल रहे सभी मंत्रियों को तो तीरथ कैबिनेट में भी लॉटरी खुल गई है. सबके सब दोबारा मंत्री बना लिए गए हैं. लेकिन अब 100 के करीब दायित्वों का नंबर है. इनमें से तीरथ कितनों को अपनी सरकार में दायित्वधारी बनाएंगे, इस पर अभी सस्पेंश बना हुआ है.

त्रिवेंद्र सरकार ने जिन लोगों को दायित्व सौंपा था, उनमें 18 ऐसे दायित्वधारी हैं जिनकी ताजपोशी को महज दो हप्ते भी नहीं हुए थे. अब जबकि राज्य के मुखिया बदल चुके हैं तो इस सस्पेंश के बीच कई दायित्वधारी फिर से सियासी आकाओं के दरबार में हाजिरी ठोक रहे हैं. सीएम तीरथ सिंह रावत को करीब-करीब सभी दायित्वधारी बुके भेंट करने आ चुके हैं. ये अलग बात है कि तीरथ इनमें से कई को जानते तक नहीं होंगे.

त्रिवेंद्र सरकार में राज्यमंत्री स्तर के दायित्वधारी बनाए गए शादाब शम्स का कहना है कि उन्होंने निष्ठा पूर्वक अपनी जिम्मेदारी निभाई है. आगे भी संगठन, सरकार जो दायित्व देगा उसे निभाएंगे. इधर, पार्टी संगठन में भी अध्यक्ष बदले जाने के बाद से कुछ इसी तरह हलचल बढ़ गई है. चर्चा है कि कई पदाधिकारी इधर से उधर किए जा सकते हैं. नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक इसका संकेत भी दे चुके हैं. कौशिक का कहना है कि काम के अनुसार बदलाव किए जाएंगे. बहरहाल, बीजेपी में शुरू हुई बदलाव की बयार कहां जाकर रुकेगी कहा नहीं जा सकता. लेकिन इतना तय है कि मदन कौशिक विधिवत तौर पर सोमवार को पार्टी ऑफिस पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करेंगे और इसके साथ ही संगठन में बदलाव भी नजर आने लगेंगे.

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