धार्मिक पर्यटन : चारधाम यात्रा पर आने वाले दूसरे प्रदेश के लोगों के लिए तीन टेस्ट अनिवार्य

देश में तेजी से फैल रहे कोविड के नए स्ट्रेन को देखते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा में आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं और साधु-संतों से अनुरोध किया है कि वह धार्मिक परंपराओं और मर्यादाओं का निर्वाहन करने के लिए सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर और मास्क का प्रयोग करते हुए कोविड नियमों का पालन अवश्य करें। साथ ही उन्होंने बाहरी प्रदेशों से आने वालों के लिए न्यूक्लीनियन एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्टिंग (सीबीएनएएटी), टीवी डायग्नोसिस टेस्ट ट्रू नेट (टीआरयूईएनएटी) और रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमियर्स चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) टेस्ट अनिवार्य रूप से कराने की बात कही है।

महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक रखे जाने की अपील का स्वागत करते हुए हरिद्वार महाकुंभ और चारधाम यात्रा पर अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों साधु-संतों और पर्यटकों को कोविड नियमों का पालन करने की अपील की। महाराज ने कहा कि कि जो साधु संत कुंभ की पूरी परंपरा का निर्वहन करना चाहते हैं उनका हम हृदय से स्वागत करते हैं। महाराज ने बताया कि हरिद्वार में महाकुंभ पर आयोजित होने वाले देव डोलियों का कुंभ स्नान निर्धारित समय पर कोविड नियमों का पालन करते हुए आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता हो चुकी है। इस आयोजन में भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर की अनिवार्यता रहेगी। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर सरकार पूरी तरह से तैयार है। कोविड नियमों का पालन करने के साथ-साथ तीन टेस्टों को अनिवार्य किया गया है। जो भी व्यक्ति अन्य प्रांतों से उत्तराखंड आएंगे, उनको यह टेस्ट करवाने जरूरी हैं।

यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा
महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा और सभी प्रकार की जांच के बाद यात्रा की अनुमति दी जाएगी। कहा कि रावलों से बातचीत के बाद चारधाम यात्रा की पूरी समीक्षा कर ली गई है। आगे भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में हम इसकी समीक्षा समय-समय पर करते रहेंगे, ताकि विधिवत रूप से समय पर मंदिरों के कपाट खोले जा सकें और हमारी जो मर्यादा और परंपरा है उसी के अनुरूप श्रद्धालु दर्शनों का लाभ भी उठा सकें। महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत निर्धारित क्षमता के अनुरूप ही यात्रियों को उत्तराखंड आने की इजाजत दी जाएगी।

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