योगी के जनसंख्या नियंत्रण बिल पर मायावती ने कहा- इसमें गंभीरता कम, चुनावी स्वार्थ ज्यादा

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा लाए गए जनसंख्या नियंत्रण बिल को लेकर राजनीति जोरों पर है। इसी को लेकर अब आज राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने बड़ा बयान दिया है। मायावती ने योगी सरकार द्वारा लाए गए जनसंख्या नियंत्रण बिल को चुनावी स्वार्थ साधने का जरिया बताया है। एक के बाद एक किए गए अपने ट्वीट में मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण हेतु लाया जा रहा नया बिलए इसके गुण.दोष से अधिक इस राष्ट्रीय चिन्ता के प्रति गंभीरता व इसकी टाइमिंग को लेकर सरकार की नीति व नीयत दोनों पर शक व सवाल खड़े कर रहा हैए क्योंकि लोगों को इसमें गंभीरता कम व चुनावी स्वार्थ ज्यादा लग रहा है। मायावती ने आगे लिखा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर यूपी भाजपा सरकार थोड़ी भी गंभीर होती तो यह काम सरकार को तब ही शुरू कर देना चाहिये था जब इनकी सरकार बनी थी और फिर इस बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करती तो अब यहाँ विधानसभा चुनाव के समय तक इसके नतीजे भी मिल सकते थे। यूपी व देश की जनसंख्या को जागरूकए शिक्षित व रोजगार.युक्त बनाकर उसे देश की शक्ति व सम्मान में बदलने में विफलता के कारण भाजपा अब कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही जोर.जबरदस्ती व अधिकतर परिवारों को दण्डित करके जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती है जो जनता की नजर में घोर अनुचित।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार दो.बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़नेए सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करनेए पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या ;नियंत्रणए स्थिरीकरण एवं कल्याणद्ध विधेयक.2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ;यूपीएसएलसीद्ध की वेबसाइट के अनुसारए ष्ष्राज्य विधि आयोगए उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रणए स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।ष्ष् राज्य विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है तथा सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं दिए जाने का जिक्र है।

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