बूस्टर खुराक और बच्चों के टीकाकरण को लेकर क्या है सरकार की रणनीति?

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ने एक बार फिर से सबके सामने चिंता की लकीरें खींच दी हैं। कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रोन लगातार अपने पैर पसार रहा है। भारत में भी अब तक 2 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में अब बूस्टर खुराक की भी मांग उठने लगी है। कई देश कोरोना वायरस लेकर बूस्टर खुराक लगाने के पक्ष में हैं और उन्होंने इसकी शुरुआत भी कर दी है। इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बड़ा बयान दिया है। मनसुख मांडविया ने कहा कि देशवासियों को कोविड-19 की बूस्टर खुराक या तीसरी अतिरिक्त खुराक देने का निर्णय वैज्ञानिक मार्गदर्शन एवं विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों के टीकाकरण को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस पर विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है और उनकी सलाह के आधार पर ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। आपको बता दें कि लोकसभा में कोविड-19 उत्पन्न स्थिति पर हुई चर्चा का जवाब स्वास्थ्य मंत्री दे रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह बातें कहीं हैं। कई सांसदो के सवाल पर मांडविया ने कहा कि हमारे पास दो ही विकल्प हैं जिसमें से एक राजनीतिक और दूसरा वैज्ञानिक है। उन्होंने कहा कि वायरस के संक्रमण को लेकर दो विशेषज्ञ समूह अनुसंधान कर रहे हैं जिन्होंने टीका अनुसंधान में सहयोग दिया है और इस विषय पर भी विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं।

मंत्री ने आरोप लगाया कि पहली लहर में लॉकडाउन के दौरान कुछ विपक्षी दलों ने लोगों को उकसाया तथा गरीबों के लिए चल रहे सबसे बड़े खाद्य कार्यक्रम का मजाक उड़ाकर गरीबों का मजाक उड़ाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने देश में बने कोविड टीकों पर सवाल उठाये और टीकाकरण के समय लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया। मांडविया ने कहा कि वैज्ञानिकों ने जहां अपनी क्षमता साबित की, वहीं विपक्ष ने लोगों को डराया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति में आपदा की स्थिति में ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा गया।

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