राज्यसभा अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, वैकेंया नायडू ने जताई नाराजगी, पढ़िये खास रिपोर्ट

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया. सत्र के संपन्न होने से पहले राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सदन के कामकाज पर अपनी चिंता और नाराजगी व्यक्त की. अपने संक्षिप्त समापन भाषण में, उन्होंने सदस्यों से सामूहिक रूप से चिंतन करने और व्यक्तिगत रूप से आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, सदन का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो रहा है. मुझे आपको यह बताते हुए खुशी नहीं हो रही है कि सदन ने अपनी क्षमता से बहुत कम काम किया. मैंने आप सभी से सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से चिंतन करने और आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह करता हूं कि आप सोचें कि कैसे ये सत्र अलग और बेहतर हो सकता था

नायडू ने कहा, मैं इस सत्र को लेकर विस्तार से बोलना नहीं चाहता क्योंकि अगर मैं बोलूंगा तो उसमें बहुत ही आलोचनात्मक दृष्टिकोण दिख सकता है. इस सत्र के दौरान सदन के कामकाज के विभिन्न पहलुओं से संबंधित आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे.’ उन्होंने बताया कि आज संपन्न हुए शीतकालीन सत्र की 18 बैठकों के दौरान राज्यसभा में सिर्फ 47.90 प्रतिशत समय में ही कार्यवाही हो पाई. बाकी का समय बर्बाद हुआ. कुल निर्धारित बैठक के 95 घंटे 6 मिनट के समय में से, सदन केवल 45 घंटे 34 मिनट के लिए ही चल सका. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 23 दिसंबर को समाप्त होना था. लेकिन एक दिन पहले ही उच्च सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में इस बार पिछले 4 वर्षों के मुकाबले काफी कम काम हुआ जो कि आंकड़ों के हिसाब से देखें तो सबसे कम कामकाज वाले सत्र में 5वें नंबर पर रहा. नायडू ने पिछले 4 वर्षों में राज्यसभा के 12 सत्रों की अध्यक्षता की है. इस शीतकालीन सत्र में व्यवधानों और जबरन स्थगन के कारण कुल 49 घंटे 32 मिनट का समय बर्बाद हो गया. यानी कुल 52.08 फीसदी समय बर्बाद हो गया. राज्यसभा द्वारा शीतकालीन सत्र के दौरान 10 विधेयकों को पारित किया गया, जबकि विनियोग विधेयक पर आज अंतिम दिन होने वाली चर्चा पर चर्चा नहीं हुई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *