Omicron in Uttarakhand: नई एसओपी जारी, सामाजिक दूरी फिर बनी जरूरी

प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे ने निपटने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में राज्य सरकार की ओर से नई एसओपी जारी की गई है। इसके तहत राज्य में सामाजिक दूरी के साथ तमाम नियमों का सख्ती के साथ पालन करने को कहा गया है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधूू की ओर से जारी नई एसओपी में कहा गया है कि कोविड-19 के का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जाहिर की है। यह बहुत तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। देशभर में ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों को अलर्ट किया जाता है कि वह अपने कोविड गाइड लाइन का सख्ती के साथ पालन कराएं। बचाव के लिए प्रत्येक जिले में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। इसके साथ ही नियमों का पालन न करने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाए। इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी प्राविधान है, जरूरत पड़ने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाए। एसओपी में सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य रूप से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी का पालन करने, सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, गुटखा, तंबाकू इत्यादि का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, गर्भवती और स्तनपाल कराने वाली महिलाओं और दस वर्ष से कम आयु के बच्चों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

उत्तराखंड समेत देश के तमाम राज्यों में कोरोना के ओमिक्रॉन व डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए जहां तमाम सरकारी और निजी अस्पतालों में चार हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर ली गई है। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देश पर जिला अस्पताल के अलावा सभी उपजिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अगले तीन माह के लिए दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि अब जबकि एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है और डेल्टा वैरिएंट के साथ ओमिक्रॉन भी लोगों को संक्रमित कर रहा है तो इसके मद्देनजर तमाम एहतियाती कदम उठा लिए गए हैं। कोरोना संकमित मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए पूरे जिले में चार हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड की व्यवस्था कर ली गई है। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि सभी ऑक्सीजनयुक्त बेड में लगाए गए तमाम उपकरणों को संचालित करके उन्हें जांच लिया गया है। यह सुनिश्चित कराया जा रहा है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त हो रही है या नहीं। इतना ही नहीं अस्पतालों में तमाम वेंटिलेटर, कंसंट्रेटर, गैस सिलिंडर के साथ मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले तमाम उपकरणों की व्यवस्था कर ली गई है। सीएमओ डॉ. मनोज उप्रेती ने बताया कि अस्पतालों में दवा की कमी न हो इसके लिए तीन महीने का स्टाफ सुनिश्चित कराया जा रहा है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में विशेषज्ञ डाॅक्टरों, पैरामेडिकल और स्टाफ नर्स की कमी न हो इसे लेकर स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र लिखकर अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती का अनुरोध किया गया है।

 

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