आजमगढ़ व रामपुर में गांव-गांव सपाइयों ने झोंकी ताकत, अखिलेश-आजम की प्रतिष्ठा दांव पर

आजमगढ़ और रामपुर में हो रहे लोकसभा उपचुनाव में सपाइयों ने गांव.गांव ताकत झोंक दी है। पार्टी ने संबंधित क्षेत्र के नेताओं को अपनी जाति वाले गांव में मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश पांडेय का दावा है कि दोनों जगह पार्टी प्रत्याशी को जीत मिलेगी। जीत का ग्राफ बढ़ाने के लिए पार्टी के स्थानीय नेता पूरी तन्मयता से जुटे हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद आजमगढ़ उपचुनाव में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव प्रत्याशी हैं तो आजम खां के इस्तीफे के बाद रामपुर से उनके शागिर्द आसिम राजा मैदान में हैं। आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र में करीब 18ण्38 लाख मतदाताओं में से करीब साढ़े तीन लाख यादव सहित ओबीसी के कुल 6ण्5 लाख मतदाता हैं। साढ़े चार लाख दलित व साढ़े तीन लाख मुस्लिम वोटर हैं। इस जिले में पार्टी की सभी 10 सीटों पर सपा विधायक हैं। ऐसे में पार्टी के लिए आजमगढ़ सीट बेहद अहम हैं। यहां सैफई परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसी तरह रामपुर में सपा उम्मीदवार आसिम राजा ही नहीं बल्कि भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी भी आजम खां के शागिर्द रहे हैं। ऐसे में यहां सपा से कहीं ज्यादा आजम खां की प्रतिष्ठा दांव पर हैं। यहां करीब 16 लाख 16 हजार मतदाताओं में से 60 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम हैं।

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