बड़ी खबरः उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों खूब गरमा रहे ये पांच मुद्दे

उत्तराखंड की सियासत को इन दिनों पांच प्रमुख मुद्दे खूब गरमा रहे हैं। इनमें नियुक्तियों में धांधली और बैक डोर एंट्री को लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग व विधानसभा की भर्तियों पर जांच का शिकंजा कस चुका है। महिलाओं और राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण के मुद्दे पर सियासी जोर आजमाइश भी तेज है। भू कानून समिति की सिफारिशों पर छिड़े संग्राम ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिफारिशों को एक मजबूत भू कानून की दिशा में अनूठी पहल बता रहे हैं, तो वहीं विपक्ष इसे सिरे से खारिज करते हुए पिछले पांच साल में बांटी गई भूमि का हिसाब मांग रहा है। अमर उजाला ने इन पांच मुद्दों की पड़ताल की। पेश है ये रिपोर्ट:

आयोग की भर्ती घोटाले में एसटीएफ ने कसा शिंकजा
विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग के बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक मामले की जांच में एसटीएफ पूरी तरह से शिकंजा कस चुका है। अब तक 34 आरोपियों को जेल की हवा खिला दी गई है। सीबीआई जांच के सवाल पर सीएम का कहना है कि अभी एसटीएफ की जांच सही दिशा में है।

विस में बैकडोर भर्ती जांच की किस पर कितनी आंच
वर्ष 2012-17 और वर्ष 2017-2022 के बीच विधानसभा में हुई बैकडोर भर्ती की जांच शुरू हो चुकी है। सबकी निगाहें जांच समिति पर लगी है। जांच की आंच से कौन कितना तपता है। कठघरे में सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस सरकारों के स्पीकर के फैसले हैं। तीसरे दिन समिति ने विस के अधिकारियों की पेशी लगाई और पूछताछ की।

भू कानून समिति की सिफारिशों से गरमा उठी सियासत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पहले कार्यकाल में राज्य में सशक्त भू कानून की मांग पर एक समिति गठित की थी। समिति अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप चुकी है और अब इस पर सियासत गरमा उठी है। सत्तारूढ़ भाजपा सिफारिशों को भू सुधार की दिशा में मील का पत्थर बता रही है, लेकिन विपक्ष इसे सिरे से खारिज कर रहा है। सिफारिशों पर भाजपा और कांग्रेस के मध्य आरोप-प्रत्यारोप की जंग शुरू हो गई है।
महिलाओं का क्षैतिज आरक्षण बचाने की चुनौती
सरकारी नौकरियों में महिलाओं के 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण पर उच्च न्यायालय की रोक के बाद सरकार के सामने इसे बचाने की चुनौती है। सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का नीतिगत फैसला कर चुकी है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली के मुताबिक, कोर्ट में एसएलपी दायर करने तैयारी की जा रही है। उधर, कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *