मुख्यमंत्री आवास योजना में दिव्यांगों को मिलेगी प्राथमिकता: UP CM Yogi Adityanath

  • -योगी सरकार ने प्राथमिकता सूची में बनाई दिव्यांगों की अलग कैटेगरी
  • -पहले की तुलना में अब ज्यादा दिव्यांग पा सकेंगे अपना पक्का मकान
  • -जल्द ही 35.5 हजार आवास वितरित करने जा रही है उत्तर प्रदेश सरकार
  • -बीते 5 साल में 1.08 लाख आवास दे चुकी है सरकार, 1.06 लाख आवास बनकर तैयार

22 सितंबर, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के दिव्यांगों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अब दिव्यांगजनों को  भी प्राथमिकता श्रेणी में एक अलग कैटेगरी बनाकर सम्मिलित किया जाएगा। यानी अब मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत दिए जाने वाले मकानों में दिव्यांगों को ज्यादा प्राथमिकता मिलेगी। इस बाबत उत्तर प्रदेश शासन की ओर से शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। ग्राम्य विकास आयुक्त को प्रेषित शासनादेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि दिव्यांगजनों को ये लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के आवासों पर दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की तर्ज पर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने 2018 में मुख्यमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत गरीबों और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को राहत देते हुए उन्हें पक्के मकान उपलब्ध करवाए जाते हैं। इसी कड़ी में योगी सरकार जल्द ही 35.5 हजार आवास मुहैया कराने जा रही है।

पक्के मकान का रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव सुधीन्द्र कुमार द्वारा जारी शासनादेश के तहत कहा गया है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे दिव्यांग परिवार, जो आवासविहीन हैं या फिर कच्चे या जर्जर मकानों में निवास कर रहे हैं। उन्हें 2 फरवरी 2018द्वारा निर्धारित पात्रता की प्राथमिक श्रेणी प्रस्तर-2 के उपप्रस्तर 3.4 में पात्र व्यक्तियों में सम्मिलित किए जाने का निर्णय लिया गया है। कहा गया है कि दिव्यांगजनों की श्रेणियां वही होंगी, जैसाकि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की अनुसूची में परिभाषित है तथा दिव्यांगता की पात्रता वही होगी, जैसा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 2 (द) में उल्लिखित है। 2018 में सरकार ने योजना के तहत प्राथमिकता सूची तैयार की थी। इसमें कई वर्गों, समुदायों, जातियों एवं जनजातियों को जगह दी गई थी।

अब मिलेगा ज्यादा लाभ

ग्राम्य विकास विभाग के उपायुक्त अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इससे पहले भी दिव्यांगों को मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत प्राथमिकता में रखा जाता था, लेकिन अब इसे एक अलग कैटेगरी बना दिया गया है। पहले चूंकि यह कई कैटेगरीज में शामिल थे तो इन्हें उतना लाभ नहीं मिल पाता था। इसी के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। अब दिव्यांगों को ज्यादा फायदा मिलेगा और कहीं ज्यादा लोगों को आवास मिल सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्राम्य विकास विभाग आवेदनों पर सर्वे करके प्राथमिक लिस्ट बनाता है, जिसके बाद आवास देने का प्रावधान है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत पहले कार्यकाल में 1.08 लाख आवास वितरित किए थे, जिसमें से 1.06 लाख आवास बनकर तैयार हो चुके हैं। वहीं, जल्द ही 35.5 हजार आवास देने की तैयारी है। इस तरह योगी सरकार ने इस योजना के तहत अब तक 1.44 लाख आवास देना सुनिश्चत कर लिया है।

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