Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का निर्देश दिए कि अटल एक्सप्रेस-वे लिए दोबारा सर्वे करें

भोपाल। राजधानी भोपाल के बड़े तालाब पर रोप-वे और केबल कार चलाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए जल्द सर्वे शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को म.प्र. सड़क विकास निगम लिमिटेड के संचालक मंडल की 43वीं बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिए। बैठक में मंत्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संचालक मंडल द्वारा कमला पार्क से संत हिरदाराम नगर (भोपाल-इंदौर मार्ग) तक वीआईपी मार्ग सहित 8 लेन में सड़क निर्माण, हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल में सड़कों के निर्माण और नवीन परियोजनाओं के अमल के लिए ऑफ बजट संसाधनों के उपयोग एवं बांड द्वारा इसे किए जाने की मंजूरी दी गई।

ऐसा रास्ता चुनें कि किसानों की कीमती जमीन न जाए
मुख्यमंत्री ने अटल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीनों के अधिग्रहण संबंधी मामले की समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई समीक्षा में मुरैना के कलेक्टर और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का निर्देश दिए कि अटल एक्सप्रेस-वे लिए दोबारा सर्वे करें। ऐसा सर्वे करें कि किसानों की कीमती जमीन एक्सप्रेस-वे में न आए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि चंबल क्षेत्र का विकास और जनता का कल्याण राज्य शासन की प्राथमिकता है। विकास में चंबल क्षेत्र पीछे न रहे, इसलिये अटल एक्सप्रेस-वे श्योपुर, मुरैना, भिण्ड से निकाला जा रहा है। इस पर करीब 8 हजार करोड़ व्यय होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अटल एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए किए गए सर्वे में यह तथ्य सामने आया है कि कई किसानों की कीमती जमीन इसमें आ रही है। इसलिये रि-सर्वे कराया जाए, जिससे किसानों की कीमती जमीन नहीं जाए। बता दें 308 किलोमीटर लंबे इस वे के निर्माण से चंबल क्षेत्र का उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बेहतर संपर्क हो जाने से विकास में गति आएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वे में अधिक से अधिक सरकारी जमीन का उपयोग हो। जमीन का पुन: चिन्हांकन करें, जिससे किसानों की जमीन वे में नहीं जाए।

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