MP News: बागेश्वरधाम से शिक्षक गायब; लाखों का पैकेज छोड़ भाई को ढूंढ़ रहा इंजीनियर

मध्यप्रदेश के छतरपुर के बागेश्वरधाम में फरवरी में बिहार से आया एक शिक्षक बागेश्वरधाम से लापता हो गया था। परिजनों की सूचना पर बमीठा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज की गई है। तीन महीनों से लापता शिक्षक का अभी तक कोई भी सुराग नहीं लगा है। यहां तक कि परिजन स्टेशन-स्टेशन लापता शिक्षक की फोटो लेकर तलाश कर रहे हैं। शिक्षक के लापता होने के बाद से एक घर में बुरे हालात बने हुए हैं। अब तो परिजनों ने लापता शिक्षक का पता बताने वाले व्यक्ति के लिए एक लाख का इनाम भी रखा है। पूरा मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले बागेश्वरधाम का है। जहां फरवरी में पेशे से शिक्षक लालन कुमार ग्राम बघौनी जिला दरभंगा बिहार से बागेश्वरधाम दर्शन करने आया था, जो यहां से लापता हो गया था। बड़े भाई को तलाश रहे युवक लक्ष्मण कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि छह फरवरी को बागेश्वरधाम आए हुए थे जब उनसे बात हुई थी। तब से आज तक उनका कोई पता नहीं चल रहा है। बाबा बागेश्वर के पास तीन बार मेरे द्वारा और दो बार मेरी भाभी के द्वारा अर्जी लगाई गई। इसके बावजूद भी भाई का कोई सुराग नहीं लगा। बागेश्वर बाबा ने भी जवाब दे दिया कि जब तक अर्जी नहीं लगेगी तब तक कुछ कह पाना मुश्किल है। गुमशुदा शिक्षक के भाई लक्ष्मण कुमार ने बताया कि मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं। 12 लाख का पैकेज है। एक लाख का महीने कमाता हूं। मगर अब नौकरी छोड़कर पिछले तीन महीने से अपने भाई की तलाश में एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक भटक रहा हूं। यहां तक कि मैंने एक पुलिस के पास भी रिपोर्ट दर्ज कराई हुई है। वहां से भी कोई सुराग नहीं लग पा रहा है।

लक्ष्मण कुमार ने गुहार लगाई है कि मेरा भाई जहां भी हो, जिस हालत में हो, मुझे मिलवा दीजिए। मेरी हालत बद से बदतर हो गई है। मैं अब चल भी नहीं पा रहा हूं। घरवालों के हालात भी बहुत बुरे हैं। मेरी मां का बेटे के दुख में रो–रो कर बुरा हाल हो गया है। तीन महीने से बिस्तर पर ही लेटी हुई है। यही हालत मेरी भाभी की भी है। यहां तक कि छोटे बच्चों की भी यह हालत है कि सिर्फ उनके मुंह से इतना ही निकल रहा है कि मेरे पापा से मिलवा दो और मेरे से बच्चे सिर्फ एक ही सवाल करते हैं कि चाचू पापा को कब घर वापस लाओगे। लक्ष्मण कुमार ने कहा कि यहां के हालात यह हैं कि मैं अपने भाई को ढूंढ नहीं पा रहा हूं। सिर्फ और सिर्फ भागे जा रहा हूं। लगातार कोशिश कर रहा हूं। मेरे भाई एक शिक्षक थे जो निरंतर रूप से स्कूल जाया करते थे। लेकिन बागेश्वरधाम जाने के बाद न जाने क्या हो गया। मैं तो यही कामना करता हूं कि मेरा भाई जहां भी हो अच्छा हो और स्वस्थ हो। लगातार अपने भाई की तलाश कर रहा हूं।

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