कहा, उत्तराखंड में साइंस टेक्नोलॉजी और इनोवेशन नीति के साथ एआई टेक्नोलॉजी को विकसित करने का रोडमैप तैयार किया गया है। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइंस टेक्नोलॉजी एवं एआई पर विशेष ध्यान है। उद्योग, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान में नवाचार का प्रमुख कारण एआई बन रहा। प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। कहा, इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधन, सांस्कृतिक धरोहर, उत्कृष्ट मानव संसाधन से संपन्न है। एक बड़ा भू-भाग जंगलों से आच्छादित है। एआई का सही उपयोग करने पर इन संसाधनों का प्रयोग सर्वोत्तम तरीके से कर सकते हैं। कृषि, पर्यटन, स्वास्थ, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में एआई के उपयोग को बढ़ाकर सफलता की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।सीएम ने कहा, राज्य में आपदा और क्लाइमेट चेंज को और अधिक समझने में एआई की मदद से प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सकता है। एआई मिशन के तहत केंद्र से बेहतर समन्वय करके एआई के अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। कहा, प्रदेश के विभिन्न संस्थानों, इंस्टीट्यूट के सहयोग से एआई के लिए प्रभावी तंत्र बनाने पर कार्य करेंगे। महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा, वर्तमान समय एआई का है। कहा, उत्तराखंड देवभूमि संग ही स्पिरिचुअल, साइंटिफिक सॉल्यूशन की भूमि है। यहां कई केंद्रीय संस्थान हैं। एआई को राज्य के विकास से जोड़ते हुए कृषि, पर्यटन, गुड गवर्नेंस, लाइवलीहुड, स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्र में कार्य करना है।
दिनेश त्यागी ने कहा, स्कूल-कॉलेज के छात्रों को एआई का बेसिक शिक्षण देना जरूरी है। प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा, हमें एआई को अपनी शिक्षा व्यवस्था में शामिल करना होगा। इस मौके पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव नितेश झा एवं विभिन्न विवि के कुलपति मौजूद रहे।