देश में नफ़रत का माहौल बनाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्यवाही करे: पुर्व न्यायाधीश कांता प्रसाद
आज दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों के एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल द्वारा डीएम देहरादून के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को एक ज्ञापन प्रेषित किया गया जिसमें शहर एवं प्रदेश के भाईचारे और माहौल को ख़राब करने वाले लोगों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई।।
मांग की गई कि जो लोग सोशल मीडिया या सार्वजनिक तौर पर किसी अन्य धर्म/जाति के विरूद्ध नफ़रत फैलाने का काम करते हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएं चाहे वो व्यक्ति किसी भी जाति धर्म या संगठन का हो।।
ज्ञापन देने से पुर्व एक छोटी जनसभा को संबोधित करते हुए पुर्व न्यायाधीश कांता प्रसाद जी ने कहा कि देश में नफ़रत का माहौल बनाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्यवाही करे।।
पुर्व अध्यक्ष बार एसोशिएशन रजिया बेग ने कहा कि जो भी व्यक्ति देश का माहौल ख़राब करने का का काम कर रहा है चाहे वो किसी भी धर्म संप्रदाय का हो सरकार को उसके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ।।
न्याय कृति मंच के अध्यक्ष नानकचंद जी ने कहा कि जो लोग धर्म के नाम पर कानून को हाथ में लेने का काम करते हैं प्रशासन को उनसे कड़ाई से निबटना चाहिए।। वहीं राज्य आंदोलनकारी लताफत हुसैन ने कहा कि उत्तराखंड हमेशा भाईचारे और शांति का प्रतीक रहा है उत्तराखंड के लिए सभी धर्म और जाति के लोगों ने संघर्ष किया है लेकिन आज कुछ लोग अलगाव की बात कर उत्तराखंड का अमन चैन खत्म करना चाहते हैं।।
शहर काजी ने कहा कि उत्तराखंड और शहर विभिन्न धर्म संप्रदाय का एक गुलदस्ता है लेकिन पिछले कुछ समय से कुछ अराजक तत्व शहर एवं प्रदेश का माहौल ख़राब करने का काम निरंतर कर रहे हैं।।
पुर्व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लाल चंद शर्मा ने कहा कि राज्य के विकास को अवरुद्ध करने का काम जो भी लोग करते है हमें इनका विरोध करना होगा देश के अंदर भी बहुत सी ऐसी देश विरोधी ताकते लगातार काम कर रही हैं जो चाहती हैं कि देश का भाइचारा खत्म हो लेकिन हमें मिलकर इन देश विरोधी ताकतों का सामना करना है और देश के सतत विकास में अपना योगदान देना है।।।
सभा का संचालन पुर्व राज्य मंत्री याकूब सिद्दीकी ने किया तथा इंदु नौटियाल अध्यक्ष महिला जनवादी मंच, सुरेंद्र सजवान, cpm शंभु मंमगाई, नवनीत गुसाईं अध्यक्ष राज्य आंदोलनकारी मंच प्रभात डंडरियाल, अनंत प्रकाश, यामीन अंसारी, रईस फातिमा, सुलेमान अली, मदन लाल, त्रिलोचन भट्ट, इलियास अंसारी, अलमासुद्दीन सिद्दीकी आदि ने भी अपने विचार रखे।।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य तौर पर राव नसीम अहमद, श्याम लाल नाथ,अनिल नेगी, सोनू खान, तौफीक खान, सईद जमाल, तौसीर खान, तनवीर खान, असलम सिद्दीकी, रईस राजा, शाद सिद्दीकी, नईम कुरैशी, खुर्शीद अहमद, जाहिद सैफी, सैयद उवैश, रियाजुल हक, डॉ एम एम अंसारी, इस्तेखार अहमद, कफील मंसूरी, ज़ुबैर, तारिक, इरशाद, रईस, इस्माइल आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।।