उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्य के बीच परिसम्पत्तियों एवं दायित्वों के विभाजन का हल निकालने के लिए शासन स्तर पर तैयारी

उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड राज्य के बीच परिसम्पत्तियों एवं दायित्वों के विभाजन का हल निकालने के लिए शासन स्तर पर तैयारी चल रही है। विगत दिनों दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के बाद समाधान की उम्मीद जगी है। इस सम्बंध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में अधिकारियों को लम्बित प्रकरणों पर राज्य के मंतव्य को स्पष्ट करने के निर्देश दिये थे। इस क्रम मेें मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी 09 मई 2017 से लगातार विभिन्न विभागों की तैयारी बैठक कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने विभागीय सचिवों से उत्तरखण्ड और उत्तर प्रदेश राज्य के मंतव्य की जानकारी जुटा रहे हैं। इसके साथ ही लंबित प्रकरणों पर विधिक दृष्टिकोण या न्याय विभाग के मत को भी स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। विभागीय सचिवों को विभाजन में शामिल कुल परिसम्पतियों और उनकी कीमत का विवरण भी देना है। मुख्य सचिव प्रकरण के सम्बंध में पुनर्गठन अधिनियम में दी गई व्यवस्था पर भी चर्चा कर रहे हैं। सम्बंधित मामलों में वर्ष 2003 के गजेट के अनुसार भारत सरकार के अभिमत पर भी विचार किया जा रहा है। विभागों के पास अपने पक्ष से सटीक आंकड़े भी प्रस्तुत करने हैं। उन्हें यह भी बताना है कि क्या उत्तर प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराने गये आंकड़ों से सहमत हैं या नहीं। बैठक में यह भी चर्चा की जा रही है कि प्रकरण में विभाग का स्पष्ट मत या आपत्ति क्या है। इस क्रम में मुख्य सचिव सोमवार को आवास और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की बैठक करेंगे। अब तक सिंचाई, परिवहन, वित्त(पेंशन आदि) की बैठक हो चुकी है। 16 मई 2017 को वन और ऊर्जा, 17 को गन्ना विकास, चीनी उद्योग और सूचना, 18 को मत्स्य एवं ग्राम्य विकास विभाग, 19 मई 2017 को शेष अन्य विभागों की बैठक करेंगे। इस संबंध में जल्द उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर के साथ उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव श्री एस.रामास्वामी की बैठक दिल्ली में होनी है।

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