एक अनोखा पर्यटक स्थल केरल नेशनल पार्क

क्या आपने देखे हैं केरल के नेशनल पार्क
केरल राज्य कई नदियों और पर्वत-पहाड़ियों से घिरा हुआ एक अनोखा पर्यटक स्थल है। जहां प्रतिवर्ष लाखों देशी-विदेशी पर्यटक यहां का सौंदर्य निहारने के लिए आते है। खास तौर पर यहां का विशिष्ट वन्य जीवन और जल प्रपात मन को मंत्रमुग्ध कर देते है।
आइए जानते है केरल के महत्वपूर्ण नेशनल पार्क। जिनमें प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मुख्य तौर इर्रावीकुलम नेशनल पार्क, पेरियार नेशनल पार्क, साइलेंट वैली नेशनल पार्क, वयनाड वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पार्क, इडुकी नेशनल पार्क आदि कई छोटे-बड़े नेशनल पार्क आते हैं। गौरतलब है कि विश्व भर में केरल वन्यजीवों की आरामगाह के रूप में भी प्रसिद्ध है।
इर्रावीकुलम रू केरल और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित इर्रावीकुलम नेशनल पार्क मुख्य रूप से नीलगाय तराह (हेमीट्रेगस हाइलो क्रिकस) के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया पार्क है। ज्ञात हो कि नीलगाय तराह एक दुर्लभ पशु है, जो सिर्फ हिमालय के ठंडे इलाकों में पाया जाता है।
वर्ष 1978 में इस वन्यजीव पार्क को नेशनल पार्क का दर्जा प्राप्त हुआ। 97 वर्ग किलोमीटर में फैला पेड़-पौधों से भरपूर, घास के बड़े मैदान से युक्त इर्रावीकुलम पार्क के उत्तरी सिरे को, जो घ्तमिलनाडु राज्य को छूता है उसे अन्ना- मलाई के नाम से विश्व में पहचाना जाता है। यहां से अनामुड्डी हिमालय की 2695 मीटर की सबसे ऊंची दक्षिणी चोटी पूरी भव्घ्यता के साथ इस अभयारण्घ्य में दिखाई देती है। यहां नील गिरी लंगूर, लायन टेल्घ्ड मेकाक, चीते, बाघ आदि कई दुर्लभ प्रकार के जीव-जंतु और वनस्घ्पतियां भी पाई जाती है।
साइलेंट वैली रू केरल के पश्चिमी छोर पर कुंडलई हिल्स पर साइलेंट वैली नेशनल पार्क स्थित है। मुख्य रूप से हाथी, बाघ और शेर, पूंछ वानर जैसे जीवों के साथ-साथ कई दुर्लभ किस्मों की औषधि और पेड़-पौधों के कारण यह पार्क प्रसिद्ध है। यहां का अनुकूल वातावरण और छोटी-बड़ी नदियां एवं पहाड़ इसे वन्यजीवों के लिए आरामगाह बनाते हैं।
पेरियार केरल के पश्चिमी छोर पर पेरियार नेशनल पार्क स्थित है। यह मुख्य तौर पर बाघों के संरक्षण के लिए बनाया गया एक नेशनल पार्क है, जो दुनिया भर के नेशनल पार्क में अपना प्रमुख स्थान रखता है। इसे अंग्रेजों द्वारा सन् 1895 में अधिगृहीत किया गया था तथा अंग्रेजों ने उस वक्त यहां एक कृत्रिम झील और बांध का निर्माण भी किया था।
पेरियार नेशनल पार्क 777 वर्ग किलोमीटर में फैला एक आरक्षित वन है। इसे प्रसिद्ध प्रोजेक्घ्ट टाइगर के तहत वर्ष 1978 में श्प्रोजेक्ट टाइगर रिजर्वश् घोषित किया गया था। पेरियार नदी के नाम पर ही इसे पेरियार टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है, जो पश्चिमी घाट की ऊंची श्रृंखला पर बसा सर्वाधिक महत्घ्वपूर्ण स्घ्थान है। भारत का यह एकमात्र ऐसा अभयारण्घ्य है, जहां हाथियों को केवल एक नाव की दूरी से देखा जा सकता है और उनकी तस्घ्वीरें भी ली जा सकती हैं।
यहां के वन्घ्य जीवन और सुंदरता के कारण यह विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। वयनाड वाइल्ड लाइफ सेंचुरी रू बाघ और तेंदुए के लिए वयनाड वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पार्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह बांदीपुर नेशनल पार्क का ही हिस्सा है। इस अभ्यारण्य में हिरण , भालू, हाथी,बाघ -चीते, जंगली-सीएट बिल्ली, बंदर, जंगली कुत्ते,भैंसे ऐसे कई प्रकार के वन्य जीव-जंतु पाए जाते हैं। यहां पर अपार जैव विविधता है। यह अभयारण्घ्य नील गिरी बायोस्फीयर रिजर्व का अविभाज्घ्य भाग है, जिसे इस क्षेत्र की जैविक विरासत को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से स्घ्थापित किया गया था। यहां पर विशेष पाए जाने वाले सघ्रीसृप हैं मॉनिटर छिपकली। साथ ही अनेक प्रकार के सांप यहां देखे जा सकते हैं। यहां पक्षियों में खास तौर पर मोर, उल्लू, कठफोड़वा, जंगली फाउल, बैबलर, कुक्कु आदि मुख्य हैं। इडुकी रू केरल के दक्षिण भारतीय राज्घ्य में बसा यहां के सर्वाेत्तम स्घ्थानों में से एक है इडुकी नेशनल पार्क। जो वन्घ्य जीवों के लिए मुख्य तौर पर माना जाता है। यहां बाघ, हाथी, भैंस, भालू, जंगली सुअर, सांभर तथा जंगली कुत्ते-बिल्लियां आदि बड़े-बड़े झुंडों में घूमते नजर आते हैं। इस पार्क में जंगली फाउल, काली बुलबुल, लाफिंग थ्रश, कठफोड़वा, मैना आदि कुछ महत्घ्वपूर्ण पक्षी भी दिखाई पड़ते हैं। यहां पर सांपों की अनेक प्रजातियों में विशेष कोबरा, वाइपर, क्रेट और कई विषरहित साप भी यहां पाए जाते हैं। कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि अगर आपने अभी तक केरल के नेशनल पार्क नहीं देखे हैं, तो एक बार जरूर जाइए। यहां के कई प्रजाति के वन्य जीवों को देखकर आप मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाएंगे।

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