उत्तराखण्ड में तीन सौ करोड़ के घोटाले में दो आईएएस अधिकारी निलंबित

जहां एक और उत्तराखण्ड की माली हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है वहीं कुछ बड़े औहदे पर बैठे अधिकारी अपनी जेबों को भरने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इन अधिकारियों को पहाड़ सा जीवन जी रहे पहाड़ की जनता की कोई फिक्र नहीं हैं उन्हें तो बस अकूत सम्पत्ति का मालिक बनने का शोक चढ़ा हुआ है चाहे फिर इसके लिए कुछ भी करना पड़े। उत्तराखण्ड में बन रहे एनएच 74 के लिए अधिग्रहण की गई भूमि में आईएएस पंकज पांडेय और चंद्रेश कुमार पर तीन सौ करोड़ के घोटाले का आरोप लगा। इस मामलें को लेकर जहां एक ओर विपक्षी में बैठी कांग्रेस ने भाजपा पर प्रहार किया है तो वहीं दूसरी ओर उत्तराखण्ड सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने रोड घोटाले में शामिल दो आईएएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित आईएएस पंकज पांडेय और चंद्रेश कुमार पर एन.एच 74 के लिए भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी करने का आरोप है। दोनों अफसर अपर मुख्यसचिव कार्मिक कार्यालय में जुड़े रहेंगे। विस्तृत जांच के लिए जल्द शासन जांच अधिकारी तैनात करेगा। कार्मिक विभाग आरोप पत्र जारी करने की तैयारी में है। एनएच 74 मामले में एसआईटी जांच हो रही है। उसी आधार पर शासन ने कार्रवाई की है। दोनों अफसर मौजूदा समय में शासन में अपर सचिव के पद पर तैनात हैं।

आपको बता दें कि नेशनल हाइवे 74 घोटाले में नाम सामने आने के बाद एसआईटी की टीम ने दोनों निलंबित आईएएस अधिकारियों से पूछताछ भी की थी। खुद सीएम रावत ने दोनों अफसरों के निलंबन की पुष्टि की है। गौरतलब है कि एनएच 74 में करीब 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ था। आपको बता दें कि 2011 से 2016 के बीच जसपुरए काशीपुरए बाजपुर और सितारगंज में यह जमीन घोटालेा हुआ था। इस मामले में अब तक 20 लोग जेल जा चुके हैं। इनमें पांच पीसीएस अधिकारी भी शामिल हैं।

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