लड़कियों के बढ़ते कदम, IIM एंट्रेंस टेस्ट में हिस्सा लेने वाली छात्रों की संख्या में 50% बढ़ोतरी

देश में लड़कियां दिन प्रतिदिन नए मुकाम गढ़ती जा रही है. संख्या न सिर्फ स्कूल कॉलेज में बढ़ रही है बल्कि उच्च शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से लड़कियां कदम रख रही हैं. महिला बनाम पुरुष का अंतर स्कूल कॉलेज और दफ्तरों में कम होता जा रहा है. महिलाएं नौकरियों में अपना लोहा मनवा रही हैं. ताजा मामाला कैट की परीक्षा में देखने को मिला है. आईआईएम कॉलेजों के लिए होने वाले इस प्रवेश परीक्षा में पिछले पांच साल में लड़कियों की संख्या में अप्रतयाशित बढ़ोतरी देखने को मिली है. साल 2013 में जहां 56, 409 लड़कियों ने कैट की परीक्षा दी थी, वहीं साल 2018 में यह बढ़कर 84, 350 हो गया.

व्यवसायिक शिक्षा जैसे संस्थानों में लड़कियों के बढ़ते प्रवेश को लेकर खुशी जाहिर करते हुए आईआईएम कलकत्ता के कनवेनर सुमंत बासु ने कहा, ”आईआईएम विविधताओं को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को लाभ देने की कोशिश में जुटा हुआ है. हमलोग चाहते हैं ज्यादा से ज्यादा लड़कियां हमारे संस्थान में पढ़ने के लिए आएं.”

आकंड़े बताते हैं कि साल दर साल CAT में लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है. साल 2013 में 56,409, साल 2014 में 59,211, साल 2015 में 69,176, साल 2016 में 76,704, साल 2017 में 78,009 और साल 2018 में 84,350 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था. आईआईएम महिलाओं और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से नहीं आने वाले लोगों के लिए सीट रिजर्व कर सकता है. आईआईएम कोझिकोड के डायरेक्टर देवाशीष चटर्जी का कहना है कि आईआईएम महिलाओं और इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से नहीं आने वाले लोगों के लिए सीट रिजर्व कर रहा है. माना जा रहा है कि संस्थान के इस कदम से क्लास में विविधता बनी रहेगी.

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