उत्तराखंड में बचाव कार्यों में तेजी, मलबा निकालने में जुटी सेना

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ से प्रभावित क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान में तेजी आ गई। वहीं इस आपदा में मरने वालों की संख्या 26 हो गई और 171 अन्य अभी लापता हैं। ऋषिगंगा घाटी के रैंणी क्षेत्र में ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में आई बाढ से क्षतिग्रस्त 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट की निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजनाओं में लापता लोगों की तलाश के लिए सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों के बचाव और राहत अभियान में जुट जाने से उसमें तेजी आ गई है। उत्तराखंड राज्य आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, आपदा में 171 लोगों के लापता होने की सूचना है जबकि अभी तक 26 शव बरामद हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि लापता लोगों में पनबिजली परियोजनाओं में कार्यरत लोगों के अलावा आसपास के गांवों के स्थानीय लोग भी है जिनके घर बाढ के पानी में बह गए।

केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह ने भी प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और बताया कि एनटीपीसी की निर्माणाधीन 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगाड परियोजना को अनुमानित 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी को परियोजना में मरने वालों के परिजनों को 20—20 लाख रुपये मुआवजा देने को भी कहा गया है ताकि वह इस त्रासदी से उबर सकें। आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन क्षेत्र में बिजली परियोजना की छोटी सुरंग से 12 लोगों को रविवार को ही बाहर निकाल लिया गया था जबकि 250 मीटर लंबी दूसरी सुरंग में फंसे 35 लोगों को बाहर निकालने के लिए अभियान जारी है। बचाव और राहत अभियान में बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और स्निफर कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, सुरंग के घुमावदार होने के कारण उसमें से मलबा निकालने तथा अंदर तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। रविवार को मुख्यमंत्री रावत ने आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया था और सोमवार को वह फिर बचाव और राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए तपोवन पहुंचे। तपोवन के लिए रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘मैं प्रभावित क्षेत्रों में जा रहा हूं और रात्रि प्रवास वहीं करूंगा।’’ उन्होंने कहा कि क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं और सरकार इसमें कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने इस हादसे को विकास के खिलाफ दुष्प्रचार का कारण नहीं बनाने का भी लोगों से अनुरोध किया। रावत ने कहा कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार कल से ही इस क्षेत्र में कैम्प किये हुए हैं जबकि गढ़वाल आयुक्त और पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल को भी सोमवार से वहीं कैंप करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक, गढवाल सांसद तीरथ सिंह रावत आदि ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। संपर्क से कट गए 13 गांवों में हैलीकॉटर की मदद से राशन, दवाइयां तथा अन्य राहत सामग्री पहुंचाई जा रही हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल मद से 20 करोड़ रुपये तत्काल जारी कर दिए गए हैं। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि सरकार की मंशा लापता लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की है जिसकी जल्द ही प्रक्रिया तय की जाएगी।

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