उत्तराखण्ड

उत्तराखण्डः वनाग्निी कार्मिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को मिलेंगे 15 लाख रूपये

देहरादून। प्रदेश सरकार ने जंगल में लगी आग के बुझाने के दौरान वन कार्मिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 15 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। अभी तक इस तरह के मामलों में मात्र ढाई लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता रहा है। शुक्रवार को वन मुख्यालय के मंथन सभागार में फायर सीजन की तैयारी की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस लाइन की तर्ज पर फारेस्ट लाइन का निर्माण करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों की तरह ही वन कर्मियों को भी ड्यूटी के कारण घर परिवार से दूर रहना पड़ता है और वनों में परिवार को रखने की सुविधा मुश्किल से ही कहीं उपलब्ध है।

देश का पहला इंटीग्रेटिड फायर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनेेगा
मुख्यमंत्री ने बताया कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए देश का पहला इंटीग्रेटिड फायर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इस सेंटर के माध्यम से सेटेलाइट से सीधे वनाग्नि संबंधित सूचनाओं को एकत्रित कर फील्ड स्तर तक पहुंचाया जाएगा। इसमें फॉरेस्ट टोल फ्री नंबर 1926 के साथ ही अन्य आधुनिक व्यवस्थाएं की जाएंगी।

अन्य प्रमुख निर्देश
1. वनाग्नि प्रबंधन के लिए एक अपर प्रमुख वन संरक्षक स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए। राज्य में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए यह
अधिकारी मॉनिटरिंग करेगा।
2. कंट्रोल बर्निंग (पहाड़ के टॉप से नीचे की ओर) तथा फॉरेस्ट फायर लाइंस के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए।
3. प्रमुख सचिव वन एवं प्रमुख वन संरक्षक एक सप्ताह में कैंपा परियोजना से संबंधित कार्ययोजना तैयार कर उसका प्रस्तुतीकरण करेंगे।
4. टोंगिया ग्रामों का प्रस्ताव भी एक सप्ताह में मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।
5. वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार के बजाय सोलर फेंसिंग पर अधिक जोर।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों और प्रभागीय वनाधिकारियों से बात की। उन्होंने फायर सीजन में उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था का निर्देश दिया और कहा कि एसडीआरएफ मद से भी उपकरण लिए जा सकते हैं। वनाग्नि को रोकने के लिए पिरूल एकत्रीकरण की व्यवस्था करने, मुआवजा समय से लोगों को देने और वन विभाग के वाहनों का अधिग्रहण न करने का निर्देश भी दिया। 15 फरवरी से शुरू हो रहे फायर सीजन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कैंपा मद से प्राप्त बाइकों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने स्टेट फायर प्लान की प्रति का अनावरण भी किया। गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के वनकर्मी हरिमोहन सिंह एवं फॉरेस्टर दिनेश लाल को वनाग्नि बुझाते समय कार्यों के निर्वहन के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी थी। बैठक शुरू होने से पूर्व इन दोनों कार्मिको के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।

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