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केजरीवाल सरकार के छह साल बेमिसाल, कार्यकाल की गिनाई उपलब्धियों - Kaumi Guldasta Informatics Pvt. Ltd.
मध्य प्रदेश

केजरीवाल सरकार के छह साल बेमिसाल, कार्यकाल की गिनाई उपलब्धियों

नयी दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा हो चुका है। 16 फरवरी 2020 को राजधानी की 70 में से 67 सीटें जीतकर अरविंद केजरीवाल तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे। पहली दफा अरविंद केजरीवाल का कार्यकाल महज 49 दिनों का ही था। साल 2013 में पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई थी हालांकि पूर्ण बहुमत नहीं होने की वजह से केजरीवाल ने 49 दिन बाद इस्तीफा दे दिया था। जब देश में एक तरफ मोदी लहर चल रही हो और अच्छे से अच्छे दिग्गज नेता अपना किला बचा पाने में असहज महसूस कर रहे हो उस वक्त अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ सरकार बनाई बल्कि रिकॉर्ड स्कोर हासिल किया। आपको बता दें कि तीसरी बार अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे शुरू हो गए थे और जब वो शांत हुए तो कोरोना वायरस महामारी ने दस्तक दे दी थी। तो चलिए हम आपको पिछले एक साल में केजरीवाल सरकार द्वारा किए गए कामकाज का ब्यौरा देते हैं।

कोरोना वायरस महामारी
दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामले केजरीवाल सरकार के लिए चिंता का विषय थे और आप इसी बात से इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि 11 नवंबर को एक दिन में कोरोना के 8500 मामले सामने आए थे। आनन-फानन में केजरीवाल सरकार ने उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और आगे की रणनीति बनाई। गनीमत यह रही कि इतने अधिक कोरोना के मामले सामने आने के बावजूद दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त नहीं हुई। गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर दिल्लीवासियों को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पिछला एक साल सभी के लिए मुश्किलभरा रहा। दिल्लीवासियों के लिए तो खासकर बहुत मुश्किलभरा दौर था, क्योंकि दिल्ली ने कोरोना महामारी का बहुत प्रचंड रूप देखा। 11 नवंबर को दिल्ली में एक दिन में 8,500 केस आए। कहा जाता है कि विश्व में किसी भी शहर में यह सबसे ज्यादा केस थे। उन्होंने कहा था कि दिल्ली में 11 नवंबर को जब सबसे ज्यादा केस आए तब भी कोरोना के सात हजार बिस्तर खाली थे। हमारे किसी भी अस्पताल के बाहर सड़कों में मरीज नहीं थे।

लाज्मा थेरेपी और प्लाज्मा बैंक
जब कोरोना वायरस महामारी का इलाज ढूंढा जा रहा था उस वक्त दिल्ली ने प्लाज्मा थेरेपी का ट्रायल शुरू किया था। शुरुआती नतीजे उत्साहवर्धन होने के बाद पूरे देश में थेरेपी का ट्रायल किया गया। इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने 2 जुलाई 2020 को देश के पहले प्लाज्मा बैंक की शुरुआत की थी। दरअसल, प्लाज्मा की कालाबाजारी से जुड़ी हुईं खबरें सामने आने के बाद केजरीवाल सरकार ने प्लाज्मा बैंक खोलने का निर्णय लिया था। इससे मरीजों के परिजनों को आसानी से प्लाज्मा मिलने लगा।

कोरोना योद्धाओं का सम्मान
केजरीवाल सरकार ने कोरोना महामारी की वजह से जान गंवाने वाले योद्धाओं के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की सहयोग राशि दी और उनका सम्मान किया। कई मौकों पर तो खुद मुख्यमंत्री कोरोना योद्धाओं के परिजनों से मिले और उन्हें सहायता दी। दरअसल, केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान की परवाह ने करते हुए लोगों की सेवा की।

निर्माण मजदूरों को राहत
कोरोना महामारी की वजह से बहुतों के जीवन में कमाई का संकट आ गया और ज्यादातर लोग ऐसे थे जो रोजाना कमाते और खाते थे। इन्हें आप देहाड़ी मजदूर कह सकते हैं। लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद ऑटो-टैक्सी ड्राइवर, मजदूरों इत्यादि की हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गई। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने इन्हें सहायता राशि प्रदान की। रिपोर्ट्स के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने 1,56,875 ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों के बैंक अकाउंट में 5000 की एक बार सहायता राशि जमा की और 43,945 निर्माण मजदूरों के बैंक अकाउंट में 10,000 रुपए जमा किए।

मुफ्त पानी-बिजली योजना
तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने मुफ्त पानी और बिजली योजना को बदस्तूर जारी रखा। वो भी ऐसे समय में जब सरकार के पास भी आय के साधन कम न के बराबर थे मतलब कोरोना के समय में। क्योंकि दिल्लीवासियों को चिंता था कि सरकार कहीं पानी और बिजली पर दी जाने वाली छूट को वापस न ले लें। हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं। बता दें कि सरकार ने दिल्ली में 400 यूनिट तक बिजली की खपत में 50 फीसदी छूट और 200 यूनिट तक की खपत में जीरो बिजली बिल की घोषणा की थी। जबकि हर महीने हर महीने हर घर को 20 हजार लीटर मुफ्त पानी की सप्लाई करता है।

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