पंजाब CM अमरिंदर ने प्रधानमंत्री मोदी से कोविड-19 टीकाकरण का दायरा बढ़ाने का अनुरोध किया
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोविड-19 टीकाकरण के दायरे को विस्तारित करते हुए 60 साल से कम उम्र के लोगों को भी उसमें शामिल करने का मंगलवार को केंद्र से अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के 401 नमूने सरकार ने ‘जीनोम सीक्वेसिंग’ के लिए भेजे थे, जिनमें से 81 प्रतिशत में ब्रिटेन में पता चले कोविड-19 के नये स्वरूप की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस महामारी की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए सिंह ने लोगों से टीका लगवाने की अपील की और इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार को आबादी के बड़े हिस्से के लिए टीकाकरण का दायरा फौरन बढ़ाने की जरूरत है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टीकाकरण का दायरा बढ़ाते हुए 60 साल से कम उम्र के लोगों को भी टीका लगाने का अनुरोध किया है क्योंकि वायरस का नया स्वरूप कम उम्र के लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रक्रिया को तेज करने की जरूरत है। ’’
मुख्यमंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि कोविशील्ड टीका कोविड-19 के ब्रिटेन में सामने आए स्वरूप पर भी समान रूप से कारगर है। सिंह ने कहा कि संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नयी पाबंदियों की घोषणा पहले ही कर चुकी है और लोग यदि कोविड के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो अधिक पाबंदियां लगाई जाएंगी। इससे पहले, राज्य की कोविड विशेषज्ञ समिति के प्रमुख डॉ के के तलवार ने राज्य में वायरस के नये स्वरूप से जुड़े घटनाक्रमों की उन्हें जानकारी दी। राज्य में पिछले कुछ हफ्तों में ब्रिटिश स्वरूप के वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। पंजाब से काफी संख्या में लोग ब्रिटेन में रहते हैं। तलवार ने मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत कराया कि वायरस का का ब्रिटिश स्वरूप बी.1.1.7 कहीं अधिक संक्रामक है। बयान में कहा गया है, ‘‘राज्य सरकार ने कोविड के 478 पॉजिटिव नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे थे, जिनमें से 90 नमूनों के नतीजे प्राप्त हुए हैं और उनमें से सिर्फ दो नमूने में एन440के (कोरोना वायरस का एक स्वरूप) मिला है।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक टीम ने संक्रमण की पुष्टि होने की दर में वृद्धि की समीक्षा करने के लिए राज्य का दौरा किया।’’ बयान के मुताबिक, टीम को जीनोम सीक्वेंसिंग के लंबित नतीजों के बारे में भी सूचना दी गई।