उत्तराखण्डः कुंभ में दिखा खूबसूरत नजारा, टेंट सिटी में तब्दील हुआ हरिद्वार

हरिद्वार: कुंभ नगरी हरिद्वार में इन दिनों नजारे अलग ही हो गए हैं. हरिद्वार में हजारों की संख्या में साधु संत , पुलिस फोर्स, पैरामिलिट्री फोर्स और अन्य सुरक्षा बल पहुंचे हुए हैं. इन सभी को ठहराने के लिए हरिद्वार में हजारों की संख्या में टेंट लगाए गए हैं जिससे पूरी कुंभ नगरी टेंट सिटी में तब्दील हो गई है. कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए अस्थाई तौर पर कई तैयारियां की जाती हैं. हरिद्वार में भी इन दिनों मेला प्रशासन की ओर से कुंभ नगरी को सजाने के लिए कई अस्थाई निर्माण कराए गए हैं. रंग बिरंगी लाइटें लगाई गई हैं. उसके अलावा साधु संतों और मेले की ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के लिए तंबू की व्यवस्था भी की गई है.

चंडी टापू, रोड़ी बेलवाला, बीएचईएल सेक्टर 1, बैरागी कैंप जैसे शहर के लगभग हर हिस्से में बड़ी संख्या में तंबू लगाए गए हैं जिससे यहां का नजारा बदल गया है. अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह ने बताया कि मेले की व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी दूसरी जगह उसे यहां पहुंचते हैं. अखाड़ों के साधु संत भी बड़ी तादाद में कुंभ नगरी में प्रवास करते हैं, इसलिए तंबू की व्यवस्था की जाती है. हरिद्वार के टेंट सिटी में तब्दील हो जाने को आम शहरी भी इसे नए अनुभव की तरह देख रहे हैं. लोगों का कहना है कि शहर भर में इतनी बड़ी संख्या में टेंट कुंभ मेले जैसे आयोजन में ही देखने को मिल सकते हैं. आस्था का सैलाब जब उमड़ता है तो टेंट की व्यवस्था करके ही उसे संभाला जा सकता है. शाम के वक़्त टहलने निकली प्रियंका अवस्थी और अनन्या भटनागर बतातीं हैं कि ये नज़ारा अद्भुत है. इससे पहले कुंभ में ही ऐसा नज़ारा देखने को मिला था वे अपनेआप को खुशनसीब समझते हैं कि वे हरिद्वार के निवासी हैं.

हरिद्वार महाकुंभ को लेकर रेल प्रशासन की ओर से बढ़ा फैसला लिया गया है. इसके तहत 11 से 14 अप्रैल तक हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों के स्टाॅपेज को रद्द कर दिया गया. यहां पहुुुंचने वाले यात्रियों को अब हरिद्वार की जगह रुढक़ी, ज्वालापुर और लक्सर रेलवे स्टेशन पर उतार दिया जाएगा. अचानक लिए गए इस फैसले से यात्रियों को असुविधा तो होगी, लेकिन इसे कोरोना गाइडलान को लेकर लिया गया फैसला माना जा रहा है. हरिद्वार महाकुंभ में भारी भीड़ पहुंच रही है. ऐसे में यात्रियों को दूसरे स्टेशन पर उतारकर उन्हें उस स्टेशन से शटल या फिर बसों के जरिए हरिद्वार पहुंचाया जाएगा.

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